हरिद्वार, 8 जून। गुरू गोरखनाथ धाम बागपत निवासी सुरेश भगत कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में खड़ी एवं कठोर मौन साधना कर रहे हैं। 30 अप्रैल से शुरू हुई सुरेश भगत की 41 दिवसीय साधना का समापन 10 जून को होगा। सुरेश भगत ने लिखकर बताया कि वे पिछले 9 वर्ष से राष्ट्र कल्याण एवं धर्म संस्कृति के प्रति जनजागरण के उद्देश्य से 41 दिवसीय खड़ी साधना कर रहे हैं। 24 घंटे चलने वाली साधना के दौरान वे अन्न ग्रहण नहीं करते हैं। केवल पानी पीकर व मौन रहकर कठोर साधना करते हैं। सुरेश भगत का कहना है कि सनातन संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए जनचेतना फैलाने की आवश्यकता है। सनातन संस्कृति ही हमारी पहचान है। गंगा किनारे की गई तपस्या अवश्य ही मानव कल्याण एवं विश्व में शांति प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर की सूक्ष्म आराधना से ही भक्तों का कल्याण हो जाता है। महादेव के दर्शन व अपनी मनोकामनाएं लेकर देश दुनिया से श्रद्धालु दक्षेश्वर महादेव मंदिर आते हैं। सुरेश भगत ने कहा कि युवा पीढ़ी सनातन संस्कृति की शक्ति को पहचाने। आज पूरी दुनिया सनातन संस्कृति को अपना रही है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि सनानत धर्म संस्कृति आदर्श स्थापित करती है और मानव सेवा का संदेश देने वाली संस्कृति है। सुरेश भगत की कठोर साधना सभी के लिए प्रेरणादायी है। युवाओं को इससे अवश्य प्रेरणा मिलेगी। महादेव शिव की कृपा से मानव कल्याण का सुरेश भगत का उद्देश्य अवश्य पूरा होगा। सेवादार श्रवण पंडित, योगेश धामा और सोनू ने कहा कि मानव कल्याण के लिए सुरेश भगत 9 वर्षों से लगातार 41 दिन की कठोर तपस्या करते हैं। विश्व कल्याण का उनका उद्देश्य निश्चित रूप से फलीभूत होगा।
