दिल्ली में भाजपा का 27 साल का वनवास खत्म, 70 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है । पिछले विधानसभा चुनाव में 62 सीटें जीतने वाले आप पार्टी 22 सीटों पर ही सिमट गई। कांग्रेस को जीरो मिली लेकिन आप पार्टी की हार का एक बड़ा कारण उसका चुनाव लड़ना भी रहा।दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) को करारी शिकस्त देते हुए 27 साल का वनवास खत्म कर सत्ता में वापसी कर ली है।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव की शनिवार को हुई मतगणना की शुरुआत में ही भाजपा बड़े बहुमत की ओर बढ़ती दिख रही थी। सत्तारुढ आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता का फैसला स्वीकार करते हैं ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की जीत विकास और सुशासन की जीत है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने कहा है कि दिल्ली में लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है
भारतीय राजनीति में एक नये प्रयोग के साथ लगभग 12 साल पहले सरकार में आयी आप के नेता केजरीवाल नयी दिल्ली विधानसभा सीट से और उनके नजदीकी मनीष सिसोसिया जंगपुरा सीट से चुनाव हार गये हैं। दिल्ली में करीब 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में अपना खाता फिर नहीं खोल सकी है। भाजपा ने दिल्ली में 2024 के लोकसभा चुनाव का अपना प्रदर्शन जारी रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी के सभी इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया है और वोट हिस्सा लगभग 10 प्रतिशत बढ़ाया है। भाजपा ने दिल्ली के नतीजों को “ मोदी की गारंटी पर दिल्ली की जनता का भरोसा” बताया है।
कांग्रेस का हराकर लगभग 12 साल पहले सत्ता में आयी आप पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई है। भाजपा अंतिम बार दिल्ली में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में सत्ता थी। वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से लंबे समय के लिए बाहर कर दिया। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली में लगतार तीन कार्यकाल तक सरकार चलायी। वर्ष दिसंबर 2013 में आप ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार का गठन किया।
विधानसभा चुनावों में भाजपा को 48 सीटें मिली है। भाजपा ने मतगणना की आरंभ से ही बढ़त बना ली थी, लेकिन कई सीटों पर आप और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर को देखते हुए हार जीत का अंतर बहुत कम रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों ने आप की हार में कांग्रेस का भी कुछ हाथ देखना शुरु कर दिया है। चुनाव परिणाम में 14 सीटों पर आम आदमी पार्टी की हार का अंतर, कांग्रेस के मिले वोटों से कम है। यानी अगर AAP और कांग्रेस का गठबंधन होता, तो दिल्ली में गठबंधन की सीटें 37 हो जातीं और BJP 34 सीटों पर सिमट सकती थी। इस बारे में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है।’’ जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तंज किया, “और लड़ो आपस में।’’ भाजपा के दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़ों के साथ उत्सव मनाना शुरु कर दिया । जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यालयों पर नेता और कार्यकर्ता नदारद रहे।
दिल्ली में विकास, सुशासन की जीत : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत को विकास एवं सुशासन की जीत करार दिया और कहा कि वह दिल्ली के चहुंमुखी विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। मोदी ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, “जनशक्ति सर्वोपरि! विकास जीता, सुशासन जीता। दिल्ली के अपने सभी भाई-बहनों को भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए मेरा वंदन और अभिनंदन! आपने जो भरपूर आशीर्वाद और स्नेह दिया है, उसके लिए आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत आभार।” प्रधानमंत्री ने कहा, “दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे, यह हमारी गारंटी है। इसके साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि विकसित भारत के निर्माण में दिल्ली की अहम भूमिका हो।” उन्होंने कहा, “मुझे भाजपा के अपने सभी कार्यकर्ताओं पर बहुत गर्व है, जिन्होंने इस प्रचंड जनादेश के लिए दिन-रात एक कर दिया। अब हम और भी अधिक मजबूती से अपने दिल्लीवासियों की सेवा में समर्पित रहेंगे।”