श्रमिकों की समस्याओं के लेकर भारतीय मजदूर संघ ने किया श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन
श्रमिकों की समस्याओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने श्रम आयुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन में भारतीय मज़दूर संघ से जुड़ी विभिन्न यूनियनों के कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
इस दौरान भारतीय मज़दूर संघ के प्रदेश महामंत्री सुमित सिंघल ने कहा कि श्रम कार्यालय में श्रमिकों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सिर्फ़ फैक्ट्री प्रबंधन की सुनवाई होती है। जिस कारण श्रमिकों का शोषण उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। श्रमिकों सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन तक नहीं दिलाया जा रहा है। सुमित सिंघल ने आरोप लगाया कि समस्या लेकर आने वाले श्रमिकों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अधिकारी श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने के बजाए फैक्ट्री प्रबंधन के साथ मिलकर श्रमिकों का शोषण कर हैं। श्रमिक अपनी समस्याओं और न्यूनतम वेतन पाने के लिए दर दर भटक रहा है। अधिकारी उन्हें कोई न्याय नहीं दिला रहे हैं। सुमित सिंघल ने यदि जल्द ही श्रमिकों को न्यूनतम वेतन नहीं दिलाया जाता और श्रमिकों का शोषण नहीं रोका जाता है तो भारतीय मजदूर संघ आंदोलन करने के लिये मजबूर होगा। भारतीय मज़दूर संघ के जिला मंत्री ललित पुरोहित ने कहा कि फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट, ट्रेनिंग नीम और नैप्स के माध्यम से कम वेतन पर और बिना कोई सामाजिक सुरक्षा के श्रमिकों से नियमित उत्पादन कराया जाता है जिस से श्रमिकों का शोषण और बढ़ रहा है। जिसे रोकने में अधिकारी नाकाम सिद्ध हो रहे है। प्रदर्शन करने वालों में भारतीय मज़दूर संघ पर्यावरण मंच के संयोजक डीसी नौटियाल, चिरंजीलाल, नरेश रावत, उदय रावत, भारत, दिनेश, महेश, मांगेराम, रवि चंदेला, सुधाकर जुयाल, महेंद्र नेगी, आशीष नेगी, सुनील फ़ौजी, धीरज सिंह, मानवेंदर कुमार, नितिन खटाना, अंकित चौधरी, अमित बंसल, सतीश कुमार, सुबोध राणा आदि शामिल रहे।