HMPV (सीजनल इन्फ्लुएन्जा, ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस) के संबंध में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की। देखें पत्र में क्या कहा है।

आपदा उत्तराखंड स्वास्थ्य
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सीजनल इन्फ्लुएन्जा, ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) की रोकथाम के संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक द्वारा जारी पत्र जो कि

समस्त जिलाधिकारी, उत्तराखण्ड और

निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, गढ़वाल / कुमाऊँ मण्डल, पौड़ी / नैनीताल एवं समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उत्तराखण्ड
को संबोधित है ,पत्र में लिखा गया है कि वर्तमान में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) श्वसन तंत्र रोग वैश्विक रूप से प्रसारित हो रहा है, जो कि अन्य श्वसन तंत्र रोगों के समान ही सामान्य सर्दी-जुकाम एवं फ्लू जैसे लक्षणों के साथ सर्दी के मौसम में परिलक्षित होता है। वर्तमान तक उत्तराखण्ड राज्य में किसी भी रोगी में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) की पुष्टि नहीं हुई है। शीत ऋतु में विभिन्न श्वसन तंत्र सम्बन्धित रोगों यथा सीजनल इन्फ्लूएंजा (H1N1, H3N2) एवं Influenzalikelliness (ILI) व Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के प्रसारण की संभावना भी बढ़ जाती है। ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षणों के साथ ही आता है तथा 03 से 05 दिवसों के भीतर स्वतः ही ठीक हो जाता है, जिसको लेकर किसी भी प्रकार की भ्राँति एवं भय की आवश्यकता नहीं है। एहतियात के तौर पर ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) समेत अन्य शीतकालीन सम्बन्धित समस्त श्वसन तंत्र रोगों से बचाव एवं रोकथाम हेतु निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है :-

1. सभी चिकित्सालयों में इन्फ्लूएंजा / निमोनिया रोगियो के उपचार हेतु पर्याप्त आईसोलेशन बेड/वार्ड, आक्सीजन बेड, आई०ई०सी०यू० बेड, वेंटिलेटर आक्सीजन सिलेण्डर इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

2. समस्त चिकित्सालयों (मेडिकल कॉलेज/जिला/बेस/संयुक्त/सी०एच०सी०/पी०एच०सी० स्तर तक) में आवश्यक औषिधियों एवं सामग्री (PPE, N-95 Mask, VTM vial) आदि की उपलब्धता तथा चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाये।

3. चिकित्सालय एवं समुदाय स्तर पर Influenza like IIIness (ILI)/Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के लक्षणों वाले रोगियों की सघन निगरानी की जाये। उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अन्तर्गत Integrated Health information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्टी की जाये।

4. समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह ILI/SARI रोग की क्लस्टरिंग मिलती है तो उस स्थान पर जांच सुविधा की उपलब्धता एवं त्वरित नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यवाही की जाये।

5. आई०डी०एस०पी० कार्यक्रम के अन्तर्गत गठित रैपिड रेस्पान्स टीम द्वारा इन्फ्लूएंजा / निमोनिया रोग से होने वाली किसी भी असामान्य स्थिति की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाये तथा नियन्त्रण हेतु त्वरित कार्यवाही की जाये।
6.इन्फ्लूएंजा / निमोनिया सम्बन्धित रोगो के संचरण से बचाव हेतु आम जनमानस में जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये
देखें पत्र

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