उत्तराखंड पर हुआ था अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक , करीब 11 लाख 56 हजार जीबी डेटा खतरे में पड़ गया था, मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में अस्थायी रूप से बंद की गई प्रमुख विभागों की वेबसाइटों को सुचारू कर दिया गया है।

उत्तराखंड समस्या
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स्टेट डाटा सेंटर में आए मालवेयर के कारण अस्थायी रूप से बंद की गई प्रमुख विभागों की वेबसाइटों को सुचारू कर दिया गया है। आज अपनी सरकार, ई-ऑफिस, ई-रवन्ना पोर्टल, चारधाम पंजीकरण जैसी मुख्य साइट को सुचारू कर दिया गया है। इससे पहले शनिवार को सीएम हेल्पलाइन को सुचारू कर दिया गया था।

2 अक्टूबर को स्टेट डाटा सेंटर में आए अब तक के सबसे बड़े साइबर अटैक में मालवेयर के कारण उत्तराखण्ड शासन की कई महत्वपूर्ण साइट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। शनिवार को राजस्थान से देहरादून लौटने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनआईसी, आईटीडीए, पुलिस विभाग आदि के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी। मुख्यमंत्री ने सोमवार तक सभी साइट्स के सुचारू संचालन के निर्देश दिए थे।

आईटीडीए की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सभी प्रमुख साइट्स को आज सुचारू कर दिया गया है। उन्होंने अवगत कराया कि 5 अक्टूबर को सीएम हेल्पलाइन व स्टेट पोर्टल जैसी सुविधाएं सुचारू कर दी गयी थी। जबकि आज सभी सेवाएं मुख्यतः अपनी सरकार, ई-ऑफिस, ई-रवन्ना पोर्टल, चारधाम रजिस्ट्रेशन सभी को सुचारू कर दिया गया है।उत्तराखंड पर हुए अब तक के सबसे बड़े साइबर अटैक से राज्य सरकार और उसकी मशीनरी का 11 लाख 56 हजार गीगाबाइट (जीबी) डेटा खतरे में पड़ गया था। यदि राज्य की इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) समय पर हरकत में नहीं आती और सिस्टम को बंद नहीं किया जाता तो कुछ भी संभव था। हो सकता था कि हैकर डेटा को डिलीट कर देते या उसमें छेड़छाड़ भी कर सकते थे। ऐसे में महत्वपूर्ण डेटा को रिकवर करना या उसे दोबारा तैयार करना आसान नहीं होता। साथ ही इससे पहुंचने वाली चोट का अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। फिलहाल, राज्य की आईटी मशीनरी ने डेटा को सुरक्षित कर लिया है और अब ई-ऑफिस या उससे जुड़ी सेवाओं को चालू किया जा रहा है। अब तक 50 प्रतिशत से अधिक सेवाओं को सुचारू कर दिया गया है।

उत्तराखंड के स्टेट डेटा सेंटर पर साइबर अटैक 02 अक्टूबर को दोपहर 2.30 पर हुआ था। यह हमला मालवेयर (वायरस) के माध्यम से किया गया। जिसके चलते ई-ऑफिस जैसी अहम प्रणाली समेत 72 वेबसाइट और सरकारी सेवाओं से जुड़ी 60 से 70 एप्लिकेशन चपेट में आ गई थी। इससे पहले की साइबर अपराधी अपने मंशा पर कामयाब हो पाते इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) की टीम ने 15 मिनट के भीतर स्टेट डाटा सेंटर, सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और प्रदेश के कार्यालयों को आपस में जोड़ने वाले स्वान (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) को बंद कर दिया गया। इससे प्रदेश में ई-ऑफिस प्रणाली के साथ ही सीएम हेल्पलाइन, अपणी सरकार, ई-रवन्ना, पुलिस विभाग की सीसीटीएनएस समेत तमाम सरकारी विभागों की ऑनलाइन सेवाएं ठप पड़ गईं।

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) निदेशक नितिका खंडेलवाल के मुताबिक यह बहुत बड़ा साइबर हमला था और इसकी चुनौती स्वीकार करते हुए सभी स्तर पर ऑनलाइन सिस्टम को पटरी पर लाने का काम तत्काल शुरू कर दिया गया था। इससे भी अधिक राहत की बात यह रही कि किसी भी डेटा को क्षति नहीं पहुंचने दी गई।
प्रदेश के आइटी सिस्टम में मालवेयर को हटाने के लिए 1373 वर्चुअल मशीन (सर्वर से होस्टिंग की सर्विस देने की व्यवस्था) और उससे संबंधित एक-एक डेटा की स्कैनिंग की गई। इसमें ई-ऑफिस से ही संबंधित 60 वर्चुअल मशीन शामिल रहीं। इसके लिए पूरी टीम ने सरकार के नेतृत्व में अथक प्रयास किए।

आईटीडीए के अनुसार जिस मालवेयर से प्रदेश आइटी सिस्टम चपेट में आया, स्रोत का पता लगाने के प्रायस किए जा रहे हैं। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि मालवेयर किस देश या जगह से भेजा गया। इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है

उन्होंने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में कोई भी डाटा लॉस का कोई भी मामला संज्ञान में नहीं आया है और सभी डाटा सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में पिछले दो दिन में लगभग 2034 कॉल्स में से 1879 को वापस दर्ज कर लिया गया है। जिसमें लोगों को कॉल बैक किया गया और इसमें से 600 से अधिक शिकायतें दर्ज कर दी गई हैं।

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