हरेला अभियान में योगदान देने के लिए जीजीआईसी की प्रधानाचार्या और चार अध्यापिकाओं को ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडियाद्वारा किया गया सम्मानित।

शिक्षा हरिद्वार
Listen to this article

हरित संगोष्ठी में सम्मानित हुईं जीजीआईसी की प्रधानाचार्या और चार अध्यापिकाएं

ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने हरेला अभियान में योगदान देने पर किया सम्मानित

प्रकृति संरक्षण के प्रति मातृशक्ति होती है संवेदनशील – ग्रीनमैन विजयपाल बघेल

भारतीय वृक्ष न्यास (ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया) द्वारा पिछले माह 6 जुलाई से उत्तराखंड के हरेला लोकपर्व को जनांदोलन का स्वरूप देने के लिए वृक्ष दिवस अभियान संचालित किया जा रहा है, अभियान के तहत नियमित वृक्षारोपण से संबंधित जन सहभागिता और जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पीएमश्री जीजीआईसी ज्वालापुर हरिद्वार में हरेला संगोष्ठी के बीच विद्यालय की प्रधानाचार्या पूनम राणा के साथ अन्य चार अध्यापिकाएं डा सुषमा दास, योगिता नेगी, संध्या कर्नवाल तथा शालिनी भैसोड़ा को भी इस हरित अभियान की सफलता में योगदान देने पर सम्मानित किया। संगोष्ठी में भारतीय वृक्ष न्यास के संस्थापक अध्यक्ष ग्रीनमैन विजयपाल बघेल मुख्यवक्ता के रूप में शामिल हुए और उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि प्रकृति संरक्षण के प्रति मातृशक्ति ही अत्यंत संवदेनशील होती है। हरिद्वार की अधिकतर मातृशक्ति इसी विद्यालय की शिक्षार्थी रही है जो प्रकृति के साथ सद्भाव पैदा करने की सीख प्रदान करता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता टीटीआई के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा और संचालन डा सुषमा दास ने किया।

ग्रीनमैन बघेल उत्तराखंड की उन वृक्षमाताओं का वंदन करते हुए उनके बलिदान को याद किया जिन्होंने चिपको आन्दोलन के माध्यम से पेड़ के महत्व को आज से पचास वर्ष पूर्व दुनिया को समझाया, माता गौरादेवी की प्रेरणा से ही यह वृक्ष दिवस अभियान गति पकड़ कर देश दुनिया तक अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिला शक्ति के सहयोग से ही हरित क्रांति संभव है। अपने अध्यक्षीय भाषण में जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार से पूरी दुनिया को लोक कल्याण का संदेश दिया जाता रहा है और अब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्या की चिंता एक अभियान के रूप में यहीं से संचालित हो रही है जो कि आधी आबादी के माध्यम से ही सशक्त हो रही है। प्रिंसिपल पूनम राणा ने बताया कि पीएमश्री जीजीआईसी विद्यालय में किताबी शिक्षा के साथ सामाजिक सरोकारों और नैतिक मूल्यों को संरक्षित करने की सीख दी जाती है, समाज कल्याण से जुड़े सभी पहलुओं पर आधारित गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया जाता है। प्रमाण पत्र, शोल्ड, अंगवस्त्र और प्रधानमंत्री का प्रेरणादाई चित्र देकर सभी को सम्मानित किया। संगोष्ठी का शुभारंभ सहजन का पौधा रोपकर किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.