पायलट बाबा का पार्थिव शरीर हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में लाया गया,जिलाधिकारी सहित बड़ी संख्या में साधु-संतों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

धार्मिक हरिद्वार
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हरिद्वारः जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा का पार्थिव शरीर आज मुंबई से हरिद्वार स्थित आश्रम पायलट बाबा में लाया गया।

बड़ी संख्या में साधु-संत और अखाड़े से जुड़े पदाधिकारी उनके आश्रम में पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के तौर पर पायलट बाबा के आश्रम पहुॅचकर परम पूज्य महामण्डलेश्वर पायलट बाबा के संसार को छोड़कर देवलोक गमन पर शोक संवेदना प्रकट की और बाबा के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। जिलाधिकारी ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि बाबा के जल्दी देवलोकगमन से मन व्यथित है। उन्होंने कहा कि यह पूरे संत समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।

महामंडलेश्वर पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था। बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को जगजीतपुर स्थित पायलट बाबा आश्रम में लाया गया। पायलट बाबा आश्रम में संत समाज ने उनके पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। ब्रह्मलीन पायलट बाबा के कृपा पात्र शिष्य आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि पायलट बाबा संत समाज की दिव्य विभूति थे। उनका निधन संत समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा ने भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर केo पद पर रहते हुए देश सेवा में योगदान दिया। इसके बाद सन्यास धारण कर धर्म संस्कृति के संरक्षण में योगदान दिया। देश सेवा और सनातन धर्म संस्कृति को देश विदेश में प्रचारित प्रसारित करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उनका जीवन दर्शन सदैव देश सेवा और धर्म सेवा की प्रेरणा देता रहेगा। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज ने देश और धर्म सेवा में सदैव अग्रणी भूमिका निभायी है। ब्रह्मलीन पायलट बाबा इसकी मिसाल हैं, जिन्होंने वायुसेना में सेवा के दौरान देश सेवा और उसके उपरांत सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में सराहनीय भूमिका निभायी। महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उनके निधन से संत समाज को जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा नहीें किया जा सकेगा। बाघम्बरी गद्दी के महंत बलवीर गिरी ने कह कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा महान संत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी हहिरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी कपिल मुनि, महंत जसविंदर सिंह, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत प्रबोधानंद गिरी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण,सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, एसपी स्वतंत्र कुमार ने भी ब्रह्मलीन पायलट बाबा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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