हरिद्वार के वरिष्ठ संत व श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का आज मुंबई में निधन हो गया । जूना अखाड़े द्वारा अपने संत के निधन पर तीन दिन का शोक घोषित किया गया है । अखाड़ा परिषद महामंत्री हरी गिरी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पायलट बाबा एक सच्चे योगी थे। पायलट बाबा 1974 में विधिवत दीक्षा लेकर जूना अखाड़े में शामिल हुए थे सन्यासी बनने से पूर्व पायलट बाबा भारतीय वायुसेना में पायलट थे। उन्होंने 1962, 1965, 1971 के युद्ध में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर के पद पर रहते हुए भाग लिया था 1998 में उन्हें महामंडलेश्वर बनाया गया था।
पायलट बाबा की अंतिम इच्छा के अनुसार उन्हें उत्तराखंड में समाधि दी जाएगी । जूना अखाड़े के समस्त पदाधिकारी और वरिष्ठ संत, उनको समाधि देने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। जूना अखाड़े के संतों महंत महेश पुरी शैलेंद्र गिरी पूर्ण गिरी सुरेशानंद सरस्वती , गिरी ,महंत रतन गिरी, महंत हीरा भारती ,महंत गौतम गिरि, महंत आकाश पूरी ,महंत धीरेंद्र पूरी आदि ने उनको श्रद्धांजलि दी तथा भैरव अखाड़ा घाट पर मां गंगा में श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
पायलट बाबा के अनुयायियों में जापानी भक्त अधिक हैं। हरिद्वार के जगजीतपुर में बाबा का आश्रम है जहां जापानी भक्तों का आवागमन बना रहता है। 2010 कुंभ में बाबा के जुलूस से ललतारों पुल पर जाम लग गया था। उसी समय पुल पर भगदड़ मची और कई लोग गंगा में गिर गये थे।इस मामले की तब बहुत चर्चा हुई।