इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक और प्रशिक्षु डॉ के विवाद में अब प्रांतीय चिकित्सक संघ की एंट्री हुई है, उन्होंने लगाया
आरोप कि ईएमओ की तहरीर पर कोतवाली नगर पुलिस ने नहीं लिया कोई संज्ञान जबकि दूसरे पक्ष की मनगढत तहरीर पर पुलिस ने ईएमओ पर मुकदमा दर्ज किया है।
चिकित्सकों ने कोतवाली पुलिस पर एक पक्षीय कार्यवाही का आरोप लगाया है।
चिकित्सक संघ ने ऐलान किया है कि 24 घंटे के भीतर नहीं हुआ मुकदमा, तो होगा आंदोलन।
जिला चिकित्सालय हरिद्वार में गत दिनों ड्यूटी पर तैनात ईएमओ के साथ हुई अभद्रता व मारपीट की घटना की प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ शाखा जनपद हरिद्वार ने घोर निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की
मांग की है। वहीं दूसरे प़क्ष की ओर से चिकित्सक के खिलाफ दर्ज कराये गये मनगढत मुकदमें की निष्पक्ष जांच की
मांग की। जिसको लेकर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ शाखा जनपद हरिद्वार एक बैठक बुधवार को महिला चिकित्सालय में
आहुत की गयी। बैठक में चिकित्सकों ने पूरे प्रकरण में पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई है।
चिकित्सकों का आरोप हैं कि कोतवाली नगर पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही की है। जबकि चिकित्सक द्वारा दी गयी
तहरीर पर पुलिस ने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया हैं। चिकित्सकों ने बैठक में एक स्वर में पुलिस प्रशासन को
चेताया हैं कि अगर पुलिस ने चिकित्सक की आवाज को दबाने और चिकित्सक की पीडा को अनसुना किया गया, तो
प्रांतीय चिकित्सा संघ शांत नहीं बैठेगा और अपने चिकित्सक को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाने को
मजबूर होगा। अगर प्रांतीय चिकित्सक संघ आंदोलन पर उतरता हैं तो उसकी समस्त जिम्मेदारी हरिद्वार पुलिस प्रशासन
की होगी।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. यशपाल तोमर ने बताया कि गत दिनों जिला अस्पताल
हरिद्वार में इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात इएमओ डॉ. अनस जाहिद के साथ बाहरी लोगों ने इमरजेंसी कक्ष में घुसकर गुण्डाई दिखाते हुए जमकर अभद्रता करते हुए मारपीट की । उस घटना की जितनी भी निंदा की जाए
कम है। इमरजेंसी कक्ष में घुसकर बाहरी लोगों ने मरीजों के उपचार और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का काम
किया। इस घटना से चिकित्सकों में भारी रोष व्याप्त है। पीडित चिकित्सक की ओर से कोतवाली नगर में आरोपियों को नामजद करते हुए तहरीर दी गयी थी। लेकिन पुलिस ने चिकित्सक की तहरीर पर कोई आज तक कोई संज्ञान नहीं
लिया।
डॉ. तोमर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चिकित्सक की तहरीर का कोई संज्ञान नहीं लिया गया, बल्कि उल्टा पुलिस
ने एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए चिकित्सक के खिलाफ दूसरे पक्ष की मनगढत तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर
चिकित्सक को मानसिक पीड़ा पहुंचाने का काम किया है। जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रांतीय चिकित्सा संवा संघ अपने साथी को न्याय दिलाने के लिए किसी भी स्तर पर क्यों न जाने पर पड़े पीछे नहीं
हटेगा।
उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की हैं कि चिकित्सक की तहरीर पर इमरजेंसी कक्ष में घुसकर अभद्रता व मारपीट करते हुए सरकारी काम में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर मुकदमें दर्ज करें। वरना प्रांतीय चिकित्सा संघ चिकित्सक को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन के लिए बाध्य होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की
होगी। साथ ही दूसरे प़क्ष की ओर से चिकित्सक के खिलाफ दर्ज कराये गये मनगढत मुकदमें की निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की बैठक में डॉ.राजेश गुप्ता, डॉ.शशिकांत, डॉ. राम प्रकाश, डॉ. यशपाल तोमर, डॉ.गम्भीर तालियान, डॉ. पंकज, डॉ. गोपाल, डॉ. अनस जाहिद, डॉ. शादाब आदि मौजूद रहे।