पीएम श्री अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज मुंडा खेड़ा कला में आयोजित सात दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर में ई-कचरे के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए यूथ एवमं इको क्लब प्रभारी डॉ संतोष कुमार चमोला ने बताया की वर्तमान समय में ठोस कचरा एक वैश्विक समस्या के रूप में उभर रहा है तथा सुरक्षित पर्यावरण की दृष्टि से इसका उचित प्रबंध किया जाना नितांत जरूरी है।
ई कचरे के विषय में विस्तार से बताते हुए छात्र-छात्राओं से अपने आसपास के ई कचरे के प्रबंध विषयक आवश्यक जानकारी दी गई।
विद्यालय के प्रवक्ता श्री सुभाष चंद्र त्यागी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को विश्व कचरा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
ई कचरे का रीसाइक्लिंग एवं भस्मीकरण विधि के माध्यम से निपटारा किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त क कचरे से होने वाले विभिन्न दुष्प्रभाव के बारे में भी बताया गया।
नीतू रस्तोगी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा ई-कचरे को ही ई-सुनामी नाम दिया गया। वर्तमान में बदलते तकनीकी युग के अनुसार अनेक ऐसी वस्तुएं हैं जो खराब होकर ई-कचरे के रूप में संग्रहित हुए हैं तथा खतरनाक अपशिष्ट बना रहे हैं जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कंप्यूटर, मोबाइल, फोन, आईपॉड, आदि।
ई-कचरा प्रबंधन आज की आवश्यकता बनता जा रहा है। इसके अंतर्गत सर्वप्रथम विद्यालय स्तर पर विभिन्न सामग्री जो निष्प्रयोज़य है तथा जिससे भविष्य में खतरा उत्पन्न होने की संभावना है उनको सूचीबद्ध करते हुए एक नियत स्थान पर रखा गया। तदुपरान्त विद्यालय के कंप्यूटर्स के उचित रखरखाव हेतु उनके प्रयोग विषयक आवश्यक जानकारी दी गई।
डॉ संतोष चमोला ने बताया की ई-कचरा प्रबंधन के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां सम्मिलित है जैसे की सर्वप्रथम ई-कचरे को एक नियत स्थान पर एकत्र किया जाएगा तदुपरांत उनमें से पुनः प्रयोग योग्य सामग्री को अलग छांट कर रखा जाएगा एवं उसे मरम्मत कराकर पुनः प्रयोग योग्य बनाया जाएगा। जबकि ई-कचरे में सम्मिलित सामग्री को ठोस कचरा प्रबंधन के अनुरूप अलग-अलग बक्सों में उनके प्रयोग का अनुसार छटनी कर रखा जाएगा। तत्पश्चात सामग्री को उनके लिए प्रयुक्त की जाने वाली विधि के अनुसार पुनः प्रयोग योग्य अथवा नष्ट कर दिया जाएगा। जिसमें पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाए।
यदि हम भविष्य में अपना जीवन सुरक्षित करना चाहते हैं तो हमें ई-कचरे के प्रबंधन हेतु नवीन तकनीक विकसित करनी होगी तथा इलेक्ट्रॉनिक सामग्री का उपयोग सीमित करना होगा। कार्यशाला में विभिन्न छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा जन-जागरूकता हेतु सेवा क्षेत्र के गांव में ई-कचरा प्रबंधन रैली निकाली गई। कक्षा 12 की छात्रा महताब ने बताया की हमारे आसपास अनेक ऐसे निष्प्रयोज्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध है, जो धीरे-धीरे एक विशाल की कचरे के रूप में इकट्ठा हो रहे हैं हमें उसके निष्प्रयोज़्य करने अथवा उनका ई कचरा प्रबंधन करना नितांत आवश्यक है। कक्षा 10 के छात्र नमन सैनी ने बताया कि कचरे के विभिन्न रूपों में से ही एक रूप है ई-कचरा वर्तमान में तीव्र औद्योगिक एवं तकनीकी विकास के दौर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कचरा एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है हमें इसके निस्तारण के व्यापक प्रचार और प्रसार करना चाहिए। डॉ संतोष चमोला ने बताया की ई-कचरा प्रबंधन हेतु चरणवद्ध तरीके से काम करना होगा। यदि हम स्वस्थ वातावरण युक्त भविष्य देखना चाहते हैं, तो हमें ई-कचरा प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को अल्पाहार वितरित कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया गया।