अपह्रत की तलाश में जुटी टीम ने 12 घंटे के भीतर फर्जी अपहरण का किया पर्दाफाश
अपने ही भाई के अपहरण की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस पर दबाव बनाने वाले षड्यंत्रकारी के षड्यंत्र को नाकाम किया हरिद्वार पुलिस ने।
भावनाएं भड़काकर माहौल खराब करने की बड़ी साजिश का हरिद्वार पुलिस ने किया पर्दाफ़ाश
भाई के अपहरण का पहले किया षड़यंत्र, फिर पुलिस पर दबाव बनाते हुए किया हंगामा, कोतवाली का करा घेराव
वादी समेत कई हिरासत में, किया चालान
एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने मीडिया को घटना के विषय में सिलसिलेवार बताया
दिनांक 25.0,52024 को वादी कुलदीप निवासी प्रतापपुर लक्सर ने कोतवाली पर तहरीर देकर अपने ही गांव के दिनेश, अरविन्द, चांदवीर, गुड्डू, भोला व मंगलू पर दिनांक 24.05.2024 को शिकायतकर्ता के भाई मोहित उर्फ टीनू के साथ मारपीट कर उसका अपहरण करने का आरोप लगाते हुए दी गई तहरीर पर कोतवाली लक्सर में तत्काल मु0अ0सं0 479/2024 पंजीकृत किया गया।
तुरंत एक्शन में आयी हरिद्वार पुलिस-
प्रकरण दो अलग-अलग जातियों से जुड़े परिवारों के बीच चल रहे पुराने विवाद से जुड़ा होने के कारण बेहद गंभीर प्रवृत्ति का था। मामले की जानकारी होते ही एस.एस.पी. प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह से वार्ता उपरांत तत्काल सीओ लक्सर निहारिका सेमवाल के पर्यवेक्षण में टीमें गठित कर मामले का जल्द खुलासा करने के निर्देश जारी किए।
पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल जाकर पूछताछ करने तथा आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को खंगालते हुये अपह्रत व घटना से सम्बन्धित अन्य लोगों की मोबाइल लोकेशन की जांच पड़ताल शुरु की गयी तो घटना में संदिग्धता प्रतीत हुई।
गुजरते समय के साथ-साथ वादी पक्ष द्वारा हरिद्वार पुलिस पर खासा दबाव बनाया गया यहां तक कि नारेबाजी करते हुए कोतवाली लक्सर का घेराव भी किया गया और कुछ ही समय में यह खबर पूरे देहात क्षेत्र में फैल गई।
जो कोई भी हरिद्वार के देहात क्षेत्र की जरा भी परख रखता है वह दोनों जातियों के बीच के इस विवाद, रंजिश और गुजरते वक्त के साथ प्रकरण के घातक दुष्परिणामों को भी बाखूबी समझता होगा।
हरिद्वार पुलिस ने जब छोटी बड़ी सभी घटनाओं को आपस में जोड़ा तो पता चला कि अपह्रत मोहित अपने भांजे दर्शन के साथ पूरी तरह सुरक्षित था और मोबाइल बन्द होने से पूर्व भी मामा-भांजे की लोकेशन एक स्थान पर पायी गयी।
कोतवाली लक्सर पुलिस द्वारा अपह्रत मोहित मामा को उसके भांजे दर्शन के घर जियापोता कनखल हरिद्वार से सकुशल बरामद कर जब सबके सामने पेश किया तो वादी पक्ष के चेहरे की हवाइयां उड़ गई।
बरामदगी से सामने आया काला षड़यंत्र–
पूछताछ में मोहित ने बताया कि दिनांक 24.05.2024 की रात मेरा विपक्षी चांदवीर व गुड्डू के साथ जे0सी0बी0 मशीन के शीशे टूटने को लेकर झगड़ा हुआ जिस पर विपक्षी पर दबाव बनाने के लिये ये सब नाटक किया। इसके बाद मैं अपने भांजे दर्शन के साथ उसकी गाड़ी से जियापोता जाकर छिप गया और मेरे भाई लोगों द्वारा गांव के अपने साथियों के साथ मिलकर, मेरे अपहरण की अफवाह फैलाकर व मुकदमा दर्ज कर पुलिस पर दबाव बनाते हुए किसी तरह विपक्षीगण की गिरफ्तारी का प्रयास किया गया था लेकिन हरिद्वार पुलिस ने हमारी हर तरकीब फेल कर दी।
पूछताछ व जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपहरण व फायरिंग की सूचना झूठी पायी गयी जिसपर वादी मुकदमा कुलदीप व घटना की साजिश में सामिल मोहित व दर्शन उपरोक्त को हिरासत में लेते हुए इनका पुलिस एक्ट के अन्तर्गत चालान किया गया। प्रकरण में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जा रही है।