राष्ट्रीय और राजकीय अवकाशों का उपभोग करने की अनुमति  अथवा एक माह मानदेय दे विभाग- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ  स्वास्थ्य विभाग

उत्तराखंड समस्या हरिद्वार
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ ने भी की राजकीय अवकाश उपभोग करने की मांग अन्यथा एक माह का मानदेय दिया जाए।
दिनाँक 17 अप्रैल 2024 को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य उत्तराखंड ने समस्त जिलों के पदाधिकारियों ओर प्रदेश पदाधिकारी से दूरभाष पर वार्ता के क्रम में कर्मचारियों की पूर्व से चली आ रही मांग, जिसमे महानिदेशक महोदय से कहा गया था कि कर्मचारियों को समस्त राजकीय अवकाशों,एव राष्ट्रीय अवकाशों में अवकाश का उपभोग करने की अनुमति दी जाए या फिर उसके बदले एक माह का मानदेय दिया जाए जो कि न्यायोचित है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा महामंत्री सुनील अधिकारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत उपाध्यक्ष नेल्सन अरोड़ा, गुरु प्रसाद गोदियाल ,सुरेश गोस्वामी ने कहा कि चिकित्सा अधिकारियों द्वारा संगठन के आह्वान पर महानिदेशक महोदया से पत्राचार करते हुए समस्त राजकीय अवकाशों का उपभोग किया जा रहा है संगठन की मांग है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को समस्त राजकीय अवकाशों एवं राष्ट्रीय अवकाशों को उपभोग करने की अनुमति या फिर उसके बदले कार्य करने पर जिस तरह वाहन चालकों एवं पुलिस कर्मियों के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को एक माह का मानदेय दिया जाता है वो दिया जाए जिसकी मांग पूर्व से ही चली आ रही है अन्यथा की स्थिति में आंदोलन ही विकल्प है।
प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर प्रदेश ऑडिटर महेश कुमार प्रदेश संगठन सचिव छत्रपाल सिंह जिला मंत्री देहरादून त्रिभुवन पाल जिला मंत्री हरिद्वार राकेश भँवर ने कहा कर्मचारियों की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी में होती है और अधिकतर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उसी से सेवानिवृत्त हो जाते हैं कम से कम एक पदोन्नति तो पूरी सेवा में मिलनी चाहिये किंतु सभी से गुहार लगा ली गई है अब माननीय मुख्यमंत्री जी माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से अनुरोध है स्वास्थ्य विभाग के हर संवर्ग की पदोन्नति हो चुकी है किंतु चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांगों पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नही की जा रही है जिससे कर्मचारियों में असंतोष एवं हीनभावना घर कर गयी है स्वास्थ्य एवं आयुष के कर्मचारियों द्वारा पूरे कोविड काल में अग्रिम पंक्ति में रहकर अपनी जान की परवाह किये बिना रोगियों की सेवा की किंतु प्रोहत्साहन भत्ता मिला चिकित्सा अधिकारियों को और कर्मचारी आज तक वंचित हैं जो कि न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है अगर जल्द ही इस संबंध में न्यायपूर्ण कार्यवाही कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सम्मान मिलना चाहिए।

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