कुंज गली खड़खड़ी में कपिल परिवार की ओर से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया ।कथा व्यास पंडित अनुराग कृष्ण शास्त्री जी ने पहले दिन भागवत कथा का माहत्म बताया।
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उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ऐसा ग्रंथ है जिसके सुनने मात्र से पितृ प्रेत योनि से मुक्त हो जाते हैं और उनको मोक्ष प्राप्त होता है शास्त्री जी ने आदमी के जीवन में संस्कार का महत्व बताया उन्होंने कहा कि मां-बाप बच्चों को धन दे या ना दें लेकिन संस्कार अवश्य देनी चाहिए। जो लोग माता-पिता का कहना नहीं मानते गुरु की अवहेलना करते हैं उनके जीवन में दुख ही दुख आते हैं धुंधकारी की कथा में उन्होंने बताया कि किस प्रकार धनी व्यक्ति का पुत्र बुरे कर्मों के करते हुए अधोगति को प्राप्त होता है प्रेत बन जाता है लेकिन उसका भाई जो गोकर्ण है वह उसकी मुक्ति के लिए भागवत कथा करवाता है जिससे धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त हो जाता है।

कथा में कुछ ऐसे सुंदर प्रसंग आए जिन्हें सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भक्ति रस में डूबकर नृत्य करने लगे।
कथा के यजमान सुभाष कपिल सीता शर्मा हिमांशु कपिल ललित कपिल दिलीप कपिल हर्ष कपिल सहित एकांत कपिल पूजा शर्मा नीलम कपिल सुनीता कपिल रीता कपिल शशि सूरी, कामिनी,स्वीटी गम्भीर, चमनलाल खट्टर,नीलम खट्टर,स्वर्ण कांता, जितेंद्र शर्मा, तुषार कपिल, पूनम अरोड़ा ,मानसी, रुपाली और शक्ति आदि सहित बड़ी संख्या में भागवत प्रेमी और मूल पाठी गणेश जी उपस्थित थे। इससे पूर्व श्रीमद् भागवत को लेकर कुंज गली से गंगा तट तक कलश यात्रा निकाली गई जिसमें क्षेत्र की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।


