प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ज्वालापुर में चिकित्सकों व कर्मचारियों का दूसरे दिन भी धरना जारी,कार्य बहिष्कार के चलते  मरीज मायूस होकर लौट रहे वापस ।

समस्या स्वास्थ्य हरिद्वार


मामले के समाधान के लिए स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार नही कर रहा प्रयास।
ज्वालापुर पुलिस से आरटीआई कार्यकर्त्ता से राहत दिलाने की चिकित्सकों ने लगाई गुहार
यूनियन का कोई भी पदाधिकारी सीएचसी चिकित्साधिकारी से मिलने नहीं पहुंचा

हरिद्वार। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ज्वालापुर में आरटीआई कार्यकर्त्ता और चिकित्सकों के बीच चल रहे टकराव के
चलते आज दूसरे दिन भी चिकित्सकों व कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार जारी रहा। जिसके चलते सीएचसी ज्वालापुर में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप्प रही। जिसके चलते उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को वहां से मायूस होकर लौटना पड़ा। अब मरीजों को अन्य हॉस्पिटलों की ओर रूख करना पड़ रहा है। सीएचसी ज्वालापुर के चिकित्सकों समेत कर्मचारियों ने सयुंक्त रूप से
कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को पत्र देकर आरटीआई कार्यकर्त्ता पर कई आरोप लगाएं है। पत्र में आरटीआई कार्यकर्त्ता के
प्रभाव से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है। सीएचसी ज्वालापुर चिकित्साधिकारी के अनुसार केवल प्रसव के इमरजेंसी
केस ही अटेंड किये जा रहे है। जिन महिलाओं के प्रसव का समय हैं, तो उनको राजकीय महिला चिकित्सालय भेजा जा
रहा है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संध शाखा हरिद्वार ने भले ही सीएचसी ज्वालापुर चिकित्सक व कर्मचारियों के समर्थन
का दावा जरूर किया हैं, लेकिन उनसे मिलने व उपजी परिस्थितियांे की जानकारी लेने के लिए कोई भी पदाधिकारी
उनसे मिलने नहीं पहुंचा। बताते चले कि सीएचसी ज्वालापुर चिकित्सकों व कर्मचारियों के
बीच लम्बे समय से चल रही खीचातानी रूकने का नाम नहीं ले रही है। दोनों पक्षों की खीचातानी धरना प्रदर्शन तक
आ पहुंचा है। आरटीआई कार्यकर्त्ता नवीन अरोड़ा सीएचसी ज्वालापुर में अनिमित्ताओं व भ्रष्टाचार का आरोप मढते हुए
चिकित्सकों समेत 06 कर्मचारियों केे खिलाफ स्वास्थ्य निदेशालय से की गयी शिकायत और उच्चाधिकारियों द्वारा दिये
गये निर्देशों के अनुपालन में न्याय संगत कार्यवाही की मांग कर रहे है। वहीं सीएचसी चिकित्सक व कर्मी भी आरटीआई कार्यकर्त्ता पर अवैध धन मांगने के लिए दबाब बनाते हुए उनकी निजी जानकारी मांगते हुए उनको बेवजहपरेशान करने का आरोप मढ रहे है। आरटीआई कार्यकर्त्ता नवीन अरोड़ा द्वारा अनिमित्ताओं व भ्रष्टाचार को लेकर 01
फरवरी 24 को धरना दिया गया था। आरटीआई कार्यकर्त्ता के धरने के तीसरे दिन धरना स्थल पर खानपुर विधायक
उमेश शर्मा ने पहुंचकर अपना समर्थन देते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कराने का अश्वासन दिलाते हुए धरना
स्थागित करा दिया था। बताया जा रहा हैं कि खानपुर विधायक के दबाब में सीएचसी ज्वालापुर के चिकित्साधिकारी
डॉ. अमित चौहान को सीएमओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त ने स्थान्तरण कर सीएचसी बहादराबाद अटैच कर दिया। इसी
घटना से आक्रोशित सीएचसी ज्वालापुर के चिकित्सक व कर्मचारी चिकित्साधिकारी के स्थान्तरण को रद्द करने तथा
आरटीआई कार्यकर्त्ता नवीन अरोड़ा के खिलाफ कार्यवाही को लेकर अनिश्चित कालीन कार्य बाहिष्कार पर चले गये है।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संध शाखा हरिद्वार भी सीएचसी ज्वालापुर चिकित्सकों के पक्ष में उतर आयी है। सेवा संघ शाखा ने बीते रोज आपात बैठक कर बिना जांच के सीएचसी ज्वालापुर से अधीक्षक का बिना जांच किये स्थान्तरण करने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। सीएचसी ज्वालापुर के चिकित्सकों व कर्मचारियों का आज दूसरे दिन भी धरना व कार्य बहिष्कार जारी रहा। लेकिन घटनाक्रम के दूसरे दिन सीएचसी ज्वालापुर के चिकित्सकांे व कर्मचारियों ने संयुक्त
रूप से कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को पत्र देकर आरटीआई कार्यकर्त्ता पर कई आरोप मढते हुए उसके प्रभाव से मुक्ति
दिलाने की गुहार लगाई है। ताकि वह हॉस्पिटल में अपने कार्यो को शांत मन से अपने जिम्मेदारियों व कार्यो का निर्वाहन कर सकें। सीएमओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त से सीएचसी ज्वालापुर प्रकरण को लेकर सम्पर्क करने का प्रयास
किया। लेकिन  उनसे सम्पर्क नहीं हो सका, जिस कारण स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार की ओर से सीएचसी ज्वालापुर
प्रकरण का पटाक्षेप को लेकर किये जा रहे प्रयास के सम्बंध में उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।

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