उत्तराखंड में सेवा काल में मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों की भर्ती के नियमों में हुआ संशोधन।

उत्तराखंड प्रशासन
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राज्यपाल भारत का संविधान के अनुच्छेद 300 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके उत्तर प्रदेश सेवा काल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली 1974 में अग्रेत्तर संशोधन करने की दृष्टि से निम्नलिखित नियमावली बनाते हैं
उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974) (संशोधन) नियमावली, 2023

संक्षिप्त नाम और 1. (1) इस नियमावली का संक्षिप्त नाम उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974) (संशोधन) नियमावली, 2023 है।
(2) यह तुरन्त प्रवृत्त होगी।

नियम 5 का संशोधन
उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 (अनुकूलन एवं उपानतरण आदेश, 2002) में नीचे स्तम्भ-1 में दिए गए विद्यमान नियम 5 के स्थान पर स्तम्भ-2 में दिया गया नियम रख दिया जायेगा: अर्थात्-

विघमान नियम- (1) यदि इस नियमावली के प्रारम्भ होने के पश्चात् किसी सरकारी सेवक की सेवा काल में मृत्यु हो जाय और मृत सरकारी सेवक का पति या पत्नी (जैसी भी स्थिति हो) केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार को स्वामित्वाधीन या उसके द्वारा नियंत्रित किसी निगम के अधीन पहले से सेवायोजित न हो तो उसके कुटुम्ब के ऐसे एक सदस्य को जो, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या उसके द्वारा नियंत्रित किसी निगम के अधीन पहले से सेवायोजित न हो, इस प्रयोजन के लिए आवेदन करने पर भर्ती के सामान्य नियमों को शिथिल करते हुए,
प्रतिस्थापित नियम
5- (1) यदि इस नियमावली के प्रारम्भ होने के पश्चात् किसी सरकारी सेवक की सेवा काल में मृत्यु हो जाय और मृत सरकारी सेवक का पति मा पत्नी (जैसी भी स्थिति हो) केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या उसके द्वारा नियंत्रित किसी निगम के अधीन पहले से सेवायोजित न हो तो उसके मुटुम्ब के ऐसे एक सदस्य को जो, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या उसके द्वारा नियंत्रित किसी निगम के अधीन पहले से सेवायोजित न हो. इस प्रयोजन के लिए आवेदन करने पर भर्ती के सामान्य नियमों को सेवा में किसी पद पर, ऐसे पद को छोड़कर जो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत हो, उपयुक्त सेवायोजन प्रदान किया जाएगा यदि ऐसा
शिथिल करते हुए सरकारी सेवा में समूह ‘ अथवा समूह ग के कनिष्ठ सहायक या समकक्ष पद पर उपयुक्त सेवामीजन प्रदान किया जाएगा यदि ऐसा व्यक्ति-

(एक) पद के लिए विहित शैक्षिक अर्हताएं पूरी करता हो,

(दो) सरकारी सेवा के लिए अन्यथा आई हो।
(तीन) सरकारी सेवक की मृत्यु के दिनांक से पांच
(एक) पद के लिए विहित शैक्षिक अर्हताएं पूरी करता हो,
(दो) सरकारी सेवा के लिए अन्यथा अई हो, और (तीन) सरकारी रोवक की मृत्यु के दिनांक से

(दो) सरकारी सेवा के लिए अन्यथा अर्ह हो, और

(तीन) तरकारी सेवक की मृत्यु के दिनांक से पांच वर्ष के भीतर सेवायोजन के लिए आवेदन करता है
परन्तु जहां राज्य सरकार का यह समाधान हो जाय कि सेबयोजन के लिए आवेदन करने के लिए नियत समय सीमा से किसी विशिष्ट मामले में अनुचित कठिनाई होती है, वहां वह अपेक्षाओं को, जिन्हें वह मामले में न्यायसंगत और साम्यपूर्ण रीति से कार्यवाही करने के लिए आवश्यक समझे अभिमुक्त या शिथिल कर सकती है।
(2) ऐसा सेवायोजन, यथासम्भव, उसी विभाग में दिया जाना चाहिए जिसमें मृत सरकारी सेवक अपनी मृत्यु के पूर्व सेवायोजित था ।

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