13 दिसंबर को अल्मोड़ा में लगेगी लोक अदालत -शचि शर्मा, लोक अदालत में वादों का निस्तारण सुलह समझौतें के आधार पर कराया जा सकता है।

उत्तराखंड

वादकारियों व जनता से  शचि शर्मा,सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा द्वारा यह अपील की गयी है कि जो भी व्यक्ति अपने मामले को राष्ट्रीय लोक अदालत
के माध्यम से निस्तारित कराना चाहते है वह अपना मामला राष्ट्रीय लोक अदालत की तिथि से एक कार्य दिवस पूर्व तक भी किसी कार्य दिवस में संबंधित न्यायालय स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से आवदेन कर नियत करा सकते है।

जनपद अल्मोड़ा के सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित होने जा रही है जिसमें वादों का निस्तारण सुलह समझौतें के आधार पर कराया जा सकता है।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में केवल वही वाद नियत किये जाते है जिनका निस्तारण सुलह समझौतें के आधार पर विधि अनुसार किया जा सकता है तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के विषय में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि न्यायालय में कोर्ट फीस जमा की जा चुकी है एवं वाद का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में कराया जाता है, तो पक्षकार द्वारा जमा की गई कोर्ट फीस पूर्ण रूप से वापस की जाती है।

निम्न मामलों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में किया जा सकता है, फौजदारी शमनीय मामलें (जिसमें कानूनी रूप से राजीनामा हो सकें),
लेबर एवं नियोजन के विवाद,
पैसे के लेनदेन के मामलें,
विवाह से सम्बन्धित पति-पत्नी के विवाद (तलाक के मामलें को छोड़कर),
अन्य दीवानी मामलें जैसे किरायेदारी, व्यादेश, विनिर्दिष्ट अनुपालन आदि के मामलें,
चैक बाउंस के मामलें,
मोटर एक्सीडेंट के मुआवजे के मामलें, बिजली/पानी के बिलों के मामलें (शमनीय),भूमि अधिग्रहण के मामलें (जो जिला न्यायालय में लम्बित हों),
राजस्व के मामलें (जो जिला न्यायालय में लम्बित हों),उपभोक्ता फोरम में लम्बित वाद, मोटर वाहन अधिनियम के अधीन शमनीय प्रकृति के ट्रैफिक चलान लोक अदालत में किया जाता है।उपरोक्त के अलावा ऐसे मामलें भी निस्तारित किये जाएंगे जो अभी अदालत में आये ही नही, जैसे- चैक बाउंस के विवाद, रूपयों के लेनदेन का विवाद, लेबर एवं नियोजन विवाद,
बिजली, पानी, फोन के बिलों का विवाद,भरण-पोषण का विवाद,अन्य फौजदारी(शमनीय) एवं दीवानी विवाद शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *