उत्तराखंड के मौसम विभाग 5 दिन का पूर्वानुमान जारी किया ।उत्तराखंड के कई जिलों में 6 व 7 अक्टूबर को भारी बारिश और हिमपात की संभावना,रेड अलर्ट जारी. 8 व 9 अक्टूबर को मौसम सामान्य रहेगा।
उत्तराखंड में अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कल 6 अक्टूबर को उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून, टिहरी एवं हरिद्वार जनपदों में मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है जिसके अनुसार कहीं कहीं गर्जना के साथ आकाशीय बिजली चमकने । झोंकेदार हवाएं चलने (40-50 कि.मी./घंटा) / ओलावृष्टि होने की संभावना है।
उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, बागेश्वर, टिहरी, पौड़ी एवं नैनीताल जनपर्दा में कहीं कहीं भारी वर्षा बर्फबारी ( 4000 मीटर व उससे अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रो में वर्षा के तीव से अति तीव दौर होने की संभावना है।
उत्तराखंड राज्य के शेष जनपर्दो में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने । झोंकेदार हवाएं चलने (40-50 कि.मी./घंटा) / वर्षा के तीव्र से अति तीव्र दौर होने की संभावना है।
जबकि 07 अक्टूबर को पूरे प्रदेश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य के पिथौरागढ़ बागेश्वर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग एवं चमोली जनपदों में कहीं कहीं आरी वर्षा बर्फबारी (4000 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में) होने की संभावना है।
उत्तराखंड राज्य के सभी जनपर्दा में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने । झोंकेदार हवाएं चलने (30-40 कि.मी./घंटा)/ वर्षा के तीव्र से अति तीव्र दौर होने की संभावना है।
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सक्रिय चक्रवाती तंत्र के प्रभाव से उत्तराखंड में मौसम बिगड़ सकता है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, संवेदनशील सड़कों पर मलबा आने और यात्रा में बाधा जैसी स्थिति बन सकती है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों में छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। आपदा संभावित और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर अस्थायी रोक लगाई जाए। खाद्यान्न और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। संवेदनशील मार्गों पर आवागमन से पहले उपकरणों व मशीनरी की व्यवस्था पूरी की जाए।


