हरिद्वार के कांग्रेसियों ने जिला महिला चिकित्सालय के सी एम एस का फूलमालाओं द्वारा स्वागत किया और कहा आपके रहते हुए महिलाएं अस्पताल के फर्श पर बच्चों को जन्म दे रहीं हैं।
नवरात्र की अष्टमी पर हरिद्वार के राजकीय महिला अस्पताल में एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, ऐसा बताया गया है कि महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया और आख़िरकार महिला ने अस्पताल के बाहर फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था कि प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला का अस्पताल कर्मियों ने कोई सहयोग नहीं किया उसे कहीं और ले जाने को कह दिया।इस अव्यवस्था के खिलाफ हरिद्वार के कांग्रेसियों ने गांधीगिरी दिखाते हुए अस्पताल प्रबंधन से दोषी कर्मियों को विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यहां से मरीजों को को रेफर किए जाने के तरीके पर आपत्ति की।वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व पार्षद अशोक शर्मा के नेतृत्व में अमन शर्मा,सुनील कुमार सिंह रवि बाबू शर्मा आदि कांग्रेसियों ने अस्पताल के सीएमएस को पहले फूल माला पहनाई और फिर कार्यालय के फर्श पर ही धरना देते हुए शर्मिंदगी के साथ कर्तव्यों का अहसास दिलाने का प्रयास किया। सी एम एस ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आते ही एक जांच कमेटी बना दी है उसकी रिपोर्ट पर करवाई आश्वासन दिया।
तीर्थनगरी हरिद्वार से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि मानवता को भी कठघरे में ला खड़ा किया है। आरोप है कि जिला महिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया गया, जिसके चलते उसने अस्पताल के फर्श पर तड़पते हुए बच्चे को जन्म दिया।
जानकारी के मुताबिक, मजदूरी करने वाले एक व्यक्ति की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर 30 सितंबर की रात जिला महिला अस्पताल लाया गया था। परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर सलोनी ने गर्भवती को यह कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया कि “यहां डिलीवरी नहीं होगी।” इसके बाद महिला को वार्ड से बाहर कर दिया गया। मदद की उम्मीद में लाए गए परिजन और साथ मौजूद आशा वर्कर की गुहार के बावजूद अस्पताल स्टाफ ने कोई सहायता नहीं की।

परिजनों का आरोप है कि गर्भवती महिला को तड़पता देख भी डॉक्टर,नर्स और कंपाउंडर तमाशबीन बने रहे। पीड़िता के साथ आई आशा वर्कर ने जब स्थिति का वीडियो बनाना चाहा, तो अस्पताल स्टाफ ने उसका मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की। आरोप यह भी है कि एक कर्मचारी ने आशा वर्कर से कहा, “तेरा मरीज है, सफाई तू ही कर।” घटना के तुरंत बाद नवजात शिशु और मां को अस्पताल में दाखिल किया गया, हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. आर.के. सिंह ने कि महिला को रात में अस्पताल में भर्ती किया गया था और डिलीवरी भी यहीं हुई। उन्होंने कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।

