श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा AI-आधारित शिक्षण और अनुसंधान पर 12 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन हुआ।

शिक्षा हरिद्वार

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय (SDSUV), उत्तराखंड ने स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य परामर्श फाउंडेशन और SPECS एनजीओ के सहयोग से “शिक्षण और अनुसंधान पद्धति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के समावेश” विषय पर केंद्रित 12 दिवसीय (24 घंटे) ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का आयोजन सफलतापूर्वक किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शिक्षा में AI के नैतिक और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देना, साथ ही शिक्षकों और शोधकर्ताओं को नवीनतम तकनीकी रुझानों के लिए तैयार करना था। कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख शिक्षाविद, फैकल्टी सदस्य, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि एवं उद्घाटन सत्र:
FDP का उद्घाटन श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति एवं मुख्य संरक्षक प्रो. (डॉ.) एन. के. जोशी द्वारा किया गया। उन्होंने AI के शिक्षा और अनुसंधान में समावेश की आवश्यकता पर बल देते हुए आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में ऐसे और नवोन्मेषी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया।
विशिष्ट उपस्थिति:
कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने हेतु संरक्षक प्रो. (डॉ.) एम. एस. रावत, निदेशक, पं. ललित मोहन शर्मा परिसर, SDSUV, भी उपस्थित रहे।
स्वागत भाषण:
FDP की संयोजक प्रो. (डॉ.) दीपिका चमोली शाहि — जो स्पीकिंग क्यूब की संस्थापक एवं निदेशक हैं, तथा Southern New Hampshire और Centleo विश्वविद्यालय (USA) से संबद्ध फैकल्टी हैं — ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
FDP सलाहकारों की भूमिका:
• डॉ. बृजमोहन शर्मा ने विषय की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए सभी सहभागियों और मुख्य संरक्षक को धन्यवाद ज्ञापित किया।
• प्रो. (डॉ.) जी. के. ढींगरा, निदेशक (अनुसंधान एवं विकास), पं. ललित मोहन शर्मा परिसर, SDSUV ने अनुसंधान क्षेत्र में AI की भूमिका को रेखांकित किया और आयोजकों को विषय चयन के लिए बधाई दी।
• प्रो. (डॉ.) रीता कुमार, वरिष्ठ प्रोफेसर, एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा और स्पीकिंग क्यूब की सलाहकार, ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में एक प्रभावशाली सत्र लिया। उन्होंने फैकल्टी को Gen-Z छात्रों की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार होने का संदेश दिया।
विशेष व्याख्यान:
दिल्ली विश्वविद्यालय के केशव महाविद्यालय से प्रो. (डॉ.) हरप्रीत भाटिया ने ब्लेंडेड लर्निंग (मिश्रित शिक्षण) पर एक प्रेरक सत्र प्रस्तुत किया, जिसमें फैकल्टी के लिए व्यावहारिक सुझाव साझा किए।
समापन और धन्यवाद ज्ञापन:
कार्यक्रम का समापन स्पीकिंग क्यूब की सलाहकार मनोवैज्ञानिक एवं HR लीड सुश्री स्नेहा भारद्वाज के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने सभी सहभागी विशेषज्ञों, मुख्य संरक्षक, संरक्षकगण, आयोजन समिति के सदस्यों — जैसे प्रो. (डॉ.) राजेश सिंह (निदेशक, अनुसंधान, उत्तरांचल विश्वविद्यालय) एवं प्रो. (डॉ.) निधि वर्मा (सहायक प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, अमिटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम) — का विशेष आभार व्यक्त किया।
यह फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम न केवल तकनीक और शिक्षण के बीच की दूरी को कम करता है, बल्कि यह उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा जिम्मेदार, नवोन्मेषी और छात्र-केंद्रित वातावरण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

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