देवभूमि के चर्चित अंकिता भंडारी हत्या कांड में 97 में से 47 गवाहों की गवाही और लगभग तीन साल की लंबी सुनवाई के बादअंकिता भंडारी को इंसाफ मिल गया। इस चर्चित हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीनों गुनाहगारों को दोषी करार दिया है। अंकित भंडारी हत्या में दोषियों को आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई है ।यह मामला सितंबर 2022 से ही विचाराधीन था। इसलिए आज कोर्ट के फैसले पर हर किसी की नजर टिकी रही। फैसले वाले दिन इंसाफ की आस में अंकिता के माता-पिता कोर्ट परिसर पहुंच थे। अंकिता के माता-पिता को इस मामले में इंसाफ की उम्मीद थी। अंकिता की मां ने कहा था कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा। अंकिता भंडारी हत्याकांड से पूरे उत्तराखंड में काफी रोष था। उत्तराखंड में जगहों-जगहों पर इस मामले में इंसाफ के लिए प्रदर्शन हुए थे।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया।
ज्ञात रहे कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की 22 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक में ही बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनतरा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. छह दिन बाद 24 सितंबर को चीला पावर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भंडारी का शव बरामद किया था। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।
एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया था. तीनों हत्यारोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए गए. जिसके बाद कोर्ट का फैसला आया।
हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश किया गया। गत 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी।
अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों आरोपियों पर हुआ दोष सिद्ध, तीनों आरोपियों को जमाने के साथ उम्र कैद की सजा सुनाई गई ।
अंकिता भंडारी हत्या मामले में तीनों आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को कोटद्वार की एडीजे न्यायालय ने दोषी करार दिया । आरोपियों पर 302, 201, 354, धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है।और कोर्ट ने
तीनों अभियुक्तों को जुर्माने के साथ उम्र कैद की सजा सुनाई।
करीब तीन साल पुराने इस केस में उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की नजरें कोर्ट के इस फैसले का इंतजार कर रही थीं. सुनवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को पुलिस ने सील कर दिया गया. सिर्फ वकील, केस से जुड़े पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति थी.
बताते चलें एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया. तीनों हत्यारोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई थी। इस दौरान कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में शुक्रवार को आने वाले फैसले को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी,गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई , अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई । वहीं, कोर्ट के बाहर भारी पुलिस की तैनाती थी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोटद्वार की अदालत ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य सहित तीनों दोषियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई है।
अदालत ने अभियुक्त पुलकित आर्य को आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी (साक्ष्य नष्ट करना) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 354ए आईपीसी (यौन उत्पीड़न) में 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क), अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना, अभियुक्त सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्मानाधारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना तथा मृतका के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा प्रदान करने का भी आदेश दिया है।
