ब्रह्माकुमारीज विश्वविद्यालय हरिद्वार ने पहला विश्व ध्यान दिवस समारोह का आयोजन गोविंदघाट हरिद्वार में किया। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारीज विश्वविद्यालय देहरादून की प्रभारी मंजू दीदी ने कहा कि आज मनुष्य की जो जो दिनचर्या है, वह मनुष्य के मन को नकारात्मकता की ओर ले जाती है। परमपिता परमेश्वर से जुड़ने से वह नकारात्मकता सकारात्मकता में बदल जाती है। परमपिता परमेश्वर से जुड़ने को ही ध्यान कहते हैं।
उन्होंने कहा कि परमपिता परमेश्वर सर्वशक्तिमान है। उसका ध्यान लगाने से मन में भटकाव या तनाव नहीं रहता और शांति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि शरीर को जन्म देने वाले पिता अलग-अलग होते हैं परंतु हम सब की आत्माओं का एक पिता हैं वह है परमपिता परमेश्वर।
गरीबदासाचार्य एवं भागवताचार्य संत स्वामी रवि देव शास्त्री महाराज ने कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनों का अनुशासन उनका आभूषण है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी राजयोग के द्वारा मन का उपचार करते हैं परंतु अब ब्रह्माकुमारी ध्यान योग के माध्यम से वे मन की अवस्था को नकारात्मक होने से बचाते हैं और हमें सकारात्मक की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि तुरंत तुरिया अवस्था की साधना में मन स्थिर हो जाता है। और हमें शांति मिलती है और तुरिया अवस्था ही ध्यान की व्यवस्था है।
इस अवसर पर विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए दर्जाधारी राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा समाज को अध्यात्म के जरिए नई चेतना जागृत करने का काम बखूबी ढंग से किया गया है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ब्रह्मकुमार सुशील भाई ने कहा कि हमारे जीवन में शांति सबसे बड़ा उपहार है जिसे हमें अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित बनाकर सदैव जीवंत रखना चाहिए।
ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय हरिद्वार की प्रमुख मीना दीदी ने कहा कि प्रथम ध्यान दिवस का आयोजन मानवता के कल्याण के लिए एक महान कार्य है। जिसे आयोजित करने का बीड़ा ब्रह्माकुमारीज ने उठाया है। उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर महंत रघुवीर दास,संत जगजीत सिंह, संत जमुनादास, संत दिनेश दास शास्त्री संत सूरत दास महाराज, समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, प्रमोद कुमार शर्मा, डॉ रमेश चंद्र शर्मा,ओपी चौहान, डॉ राधिका नागरथ, गोपाल नारसन,गीता दीदी, शालू दीदी,राधा दीदी, रजनी दीदी एवं निवेदिता दीदी आदि मौजूद थे।