बेटी की डोली के बाद पिता की अर्थी उठने का दुखद समाचार सामने आया है। कोटद्वार के ग्राम बवांसा तल्ला में शादी की खुशियां उस समय मातम में बदल गईं, जब दुल्हन के पिता की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। एक ही आंगन से पुत्री की डोली उठने के बाद पिता की अर्थी भी उठी। जिससे हर किसी की आंखें नम हो गईं।
बवांसा तल्ला निवासी मनमोहन रावत की बेटी की बरात शनिवार को लुधियाना से आई थी। बरात पहुंचने से ऐन पहले ही मनमोहन (58) को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। परिजन उन्हें आनन-फानन अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उस समय परिवार में शादी की रस्में चल रही थीं। शादी की खुशियों में बाधा उत्पन्न न हो, ये देखते हुए मनमोहन की मौत की खबर परिजनों को नहीं दी गई।
परजनों को बताया गया कि उपचार चल रहा है। जिससे विवाह की सभी रस्में निर्विघ्न रूप से संपन्न हो गई।
तड़के पांच बजे दुल्हन की विदाई होने के बाद मनमोहन की मौत होने की सूचना परिजनों को दी गई, तो परिजनों, रिश्तेदारों व ग्रामीणों में मातम पसर गया। घर के जिस आंगन से तड़के पुत्री की डोली उठी थी, उसी आंगन से कुछ देर बाद पिता की अर्थी उठी। इस घटना ने हर किसी की आंखों को नम कर दिया।
मनमोहन रावत खंड विकास कार्यालय बीरोंखाल में ग्राम रोजगार सेवक के रूप में कार्यरत थे। क्षेत्रीय विधायक व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, बीरोखाल के खंड विकास अधिकारी जयपाल सिंह, ब्लॉक प्रमुख राजेश कंडारी, मनमोहन की मौत पर दुख जताया।