देवी भागवत पुराण के श्रवण से आत्म बल में वृद्धि होती है -स्वामी श्रवणानंद सरस्वती ,
संतोषी माता आश्रम कनखल में आज 9 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह एवं संन्यास स्वर्ण जयंती समारोह प्रारम्भ हो गया। पूरे कनखल को बिजली की लड़ियां और झांकियां से सजाया गया है। संतोषी माता आश्रम में महिषासुर मर्दिनी देवी मंदिर में 1200 कर्मकांडी विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा श्रीमद् देवी भागवत कथा पाठ का परायण किया जा रहा है।
कथा व्यास स्वामी श्रवणानंद सरस्वती वृंदावन वाले महाराज ने कथा का प्रारंभ करते हुए कहा कि श्रीमद् देवी भागवत कथा से मनुष्य का आत्म बल बढ़ता है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कनखल नगरी 52 शक्तिपीठों की उद्गम स्थली है। और इस पावनस्थली में श्रीमद् देवी भागवत कथा का होना एक दिव्य संयोग है।
मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने महामंडलेश्वर संतोषी माता जी को संन्यास के 50वर्ष पूरे होने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि माताजी जैसे संत विरले ही होते हैं। जिनका जीवन धर्म परायण है और समाज को समर्पित है। उन्होंने कहा कि संतोके बिना मोक्ष प्राप्त नहीं हो सकता।
इस अवसर पर युग पुरुष और श्री राम मंदिर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद सरस्वती ने श्रीमद् देवी भागवत पुराण के बारे में विस्तार से बताया। और महामंडलेश्वर स्वामी संतोषी माता जी को संन्यास की स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर शुभकामनाएं और आशीर्वाद प्रदान किया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर दिव्यानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद गिरी, स्वामी चेतनानंद गिरी, अशोक शांडिल्य, श्याम सुंदरअग्रवाल, ईश्वरअग्रवाल, सरोज अग्रवाल, अनिल सूद, जयप्रकाश मित्तल, किशोर रुंगटा आदि मौजूद थे।