चतुर्थ युवा धर्म संसद 13 और 14 सितंबर को पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में होगी आयोजित , कार्यक्रम और उद्देश्यों की की जानकारी आज दी गई।

शिक्षा संस्कृति हरिद्वार
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युवा धर्म संसद, धर्म-संस्कृति और राष्ट्र के भारतीय विचार को युवाओं के लिये स्पष्ट करने का एक वार्षिक उपक्रम है। जिसका उद्देश्य युवाओं के मध्य धर्म और अध्यात्म के वास्तविक स्वरूप और समाज व राष्ट्र के समसामयिक विषयों पर उनके विचारों को परिष्कृत और स्पष्ट करने का प्रयास करता है।

यह जानकारी देते हुए युवा धर्म संसद के संयोजक कमांडर अमोद कुमार चौधरी( सेवानिवृत्त) ने प्रेस क्लब हरिद्वार में बताया कि 2024 की युवा धर्म संसद 13 और 14 सितंबर को पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित की जाएगी। इसमें 24 राज्यों से शिक्षार्थी ,शिक्षक ,शिक्षाविद ,विद्वान ,संत और सामाजिक चिंतक आएंगे ।उन्होंने कहा कि यह सेवाज्ञ संचालक द्वारा आयोजित चौथा युवा धर्म संसद है जो हरिद्वार में हो रहा है इससे पूर्व काशी अयोध्या और मथुरा में संपन्न हो चुका है इस कार्यक्रम में 2000 के लगभग युवाओं के भाग लेने की संभावना है ।
आमोद चौधरी ने हरिद्वार जिले के युवाओं से अपील की है कि वे इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग ले जो इसमें विद्वान आएंगे उनकी बात सुने और अपनी जिज्ञासा को शांत करें तथा धर्म के बारे में जो भ्रम है उसे दूर करें। पूरे कार्यक्रम में भागीदारी के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होगा।
इसमें चर्चा किए जाने वाले विषयों के बारे में बताया की प्रथमदिवस में आस्तिक का नास्तिकता के दार्शनिक प्रतिपादन एवं जीवनगत प्रभाव एवं संवाद होंगे वैश्विक बाजारवाद से उत्पन्न संस्कृत चुनौतियां दूसरे दिन व्यसन और मनोरोगों के समक्ष युवा वह लैंगिक स्वतंत्रता का यथार्थ और उत्तरदायित्व पर चर्चा की जाएगी इस कार्यक्रम में एक स्वस्थ संवाद स्थापित हो एवं देश भर से आए युवाओं के अंदर उठ रहे कोलाहल को शांत करने एवं उनका कर्तव्य परायण बनाने के उद्देश्य से हर संभव प्रयास किए जाएंगे ।इस अवसर पर उनके साथ संरक्षक मंडल के प्रमुख जगदीश लाल पाहवा और विशाल गर्ग ,आशीष पांडे और अनिल भारतीय भी उपस्थित थे।

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