कावड़ मेला 2024 संपन्न हो गया लेकिन कांवड़ बाजार में हजारों कांवड़े लावारिस बिखरी पड़ी हैं ।
पता चला है कि इस बार कावड़ का व्यापार करने वाले व्यापारियों की बहुत सी कांवडे बिना बिके रह गई।
इन कांवड़ो को अगर व्यापारी वापस ले जाते तो इनको ले जाने का भाड़ा और वहां स्टोर करने का खर्चा होता, जिसे देखते हुए कावड़ व्यापारियों ने कांवडे ना ले जाना ही उचित समझा और वो हजारों की संख्या में बनी बनाई कांवड़े लावारिस हालत में छोड़कर चले गए ।पंत द्वीप स्थित इस कांवड़ बाजार के ठेकेदार ने बताया कि इसके दो-तीन कारण है एक तो कांवड़ों की इस बार बिक्री कम हुई ,इस बार गागर वाली कांवडे ज्यादा प्रचलन में रही जिससे ये सजी हुई बहुत सी कांवड़ ग्राहक के इंतजार में पड़ी रही लेकिन खरीदार नहीं आए ।
वहां के एक ठेकेदार ने बताया कि इस बार कावड़ का कारोबार करने वालों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है उसके एक कारण अन्य स्थानों पर अवैध कावड़ बाजार लगना भी बताया है, एक कारण यह भी है कि पिछले साल उनकी कांवड़ें बीच सीजन में ही कम पड़ गई थी तो उन्हें और मंगानी पड़ी तथा इस बार अधिक कांवडियो के आने की संभावना थी लेकिन कांवड़ियों की संख्या में में कोई खास वृद्धि नही हुई ।इस बार व्यापारी अधिक संख्या में कावड़ बना लाए और कांवड़ पिछले साल के बराबर भी नहीं बिकी । इन सब कारणों के चलते बड़ी संख्या में कांवड़ बिना बिके रह गई, कांवड़ का व्यापार करने वाले इस बार ठगे रह गए लाखों रुपए खर्च कर कांवड़ तैयार की हजारों खर्च किए ट्रांसपोर्ट पर फिर दुकानों का मोटा किराया भी भरा ,लेकिन कांवड़ उतनी नहीं बिकी तो वे मायूस होकर बचा माल लावारिस हालत में छोड़कर चले गए।