हरिद्वार में हरकीपैड़ी गंगातट पर तीन दिन से चल रही कवि कुमार विश्वास की अपने अपने राम, रामकथा का कल शनिवार की रात समापन हो गया। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि कुमार विश्वास ने यहां कथा करने के लिए किसी प्रकार का कोई मानदेय नहीं लिया।

राम कथा में कुमार विश्वास ने हरिद्वार के अनेक प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि यहां गंगा सहित पातंजलि जैसे संस्थान हैं जिन्होंने विश्व में भारत की कीर्ति को स्थापित किया है। कहा कि गंगा तट पर रामकथा करना और सुनना एक आलौकिक अनुभव है और वह बार-बार यहां आना चाहेंगे।कथा के समापन पर गंगा सभा अध्यक्ष, महामंत्री व अन्य पदाधिकारियों द्वारा कुमार विश्वास का हरकीपैड़ी पधारने पर आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया गया।इस मौके पर महामंत्री गंगा सभा तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि कुछ लोगों ने कथा के व्यय को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जबकि सच्चाई यह है कि कवि कुमार विश्वास जी ने हरकी पैड़ी पर पूरी तरह से बिना मानदेय के कथा की है और गंगा सभा द्वारा रामकथा के नाम पर उन्हें कुछ भुगतान नहीं किया गया है। वशिष्ठ ने कहा कि गंगासभा ऐसे आयोजन पहले भी करती रही है और भविष्य में भी ऐसे आयोजन किये जाते रहेंगे।

