सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण के साथ उत्तराखंड राज्य प्रथम सामाजिक विज्ञान महोत्सव–2025 का समापन हुआ।

उत्तराखंड शिक्षा सामाजिक

समसामयिक एवं तात्कालिक सामाजिक मुद्दों की चर्चा एवं उनके समाधान पर केंद्रित रहा उत्तराखंड राज्य प्रथम सामाजिक विज्ञान महोत्सव– *2025*

आयोजन की एक रिपोर्ट
       
राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद एससीईआरटी उत्तराखंड के तत्वावधान में उत्तराखंड राज्य प्रथम सामाजिक विज्ञान महोत्सव–2025 का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, पिथौरागढ़ (डीडीहाट) में   आयोजित किया गया। यह आयोजन राज्य स्तर पर सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में विद्यार्थियों की प्रतिभा के प्रदर्शन और शिक्षण की अभिनव विधियों के आदान-प्रदान हेतु एक ऐतिहासिक पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ   दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि  जितेन्द्र प्रसाद, अध्यक्ष, जिला पंचायत, पिथौरागढ़ द्वारा किया गया। उनके साथ मंच पर विशिष्ट अतिथि श्री शिव प्रसाद सेमवाल, अपर निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) कुमाऊँ मण्डल, सहायक निदेशक एससीईआरटी  कृष्णानंद बिजल्वाण, इस महोत्सव के राज्य समन्वयक एससीईआरटी के प्रवक्ता डॉ. राकेश गैरोला, DIET प्राचार्य भाष्करानंद पाण्डे, खण्ड शिक्षा अधिकारी डीडीहाट  हिमांशु नौगाई, पूर्व प्राचार्य डी.एस. पांगती तथा कार्यक्रम समन्वयक  राजेश कुमार  पाठक, गोकर्ण लोहिया, पुष्पेश पाठक, डॉ ममता खोलिया, प्रमोद नौडयाल, श्री राजेंद्र प्रसाद बडोनी, प्रकाश उपाध्याय, डॉ अनिल कुमार मिश्र, अनिल कुमार सिंह, डॉ संतोष कुमार चमोला एवं समस्त डाइट परिवार सहित अनेक शिक्षाविद, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।
*इस अवसर पर आगंतुकों का स्वागत पारंपरिक उत्तराखंडी लोकगीतों जै हो कुमाऊ जै हो गढ़वाला गीत व पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया गया।
अतिथि संबोधन —
मुख्य अतिथि जिला पंचयात अध्यक्ष  जितेन्द्र प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक विज्ञान छात्रों में संवेदनशील नागरिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों को विकसित करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में विषय के प्रति गहरी रुचि और शोध की भावना विकसित होती है।
विशिष्ट अतिथि  शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि वर्तमान युग ज्ञान और अनुसंधान का युग है। सामाजिक विज्ञान महोत्सव जैसे आयोजन विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करने में सहायक हैं। उन्होंने एससीईआरटी, उत्तराखंड एवं डायट, पिथौरागढ़ की इस शानदार पहल की सराहना की।सहायक निदेशक एससीईआरटी, उत्तराखंड  कृष्णानंद बिजल्वाण ने कहा कि सामाजिक विज्ञान महोत्सव न केवल प्रतियोगिता का मंच है बल्कि यह साझा सीखने एवं शिक्षण पद्धतियों के आदान-प्रदान का भी अवसर है। उन्होंने आयोजन समिति की उत्कृष्ट कार्यशैली की प्रशंसा की और प्रतिभागियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
राज्य समन्वयक डॉ. राकेश गैरोला ने महोत्सव की भव्यता पर प्रसन्नता व्यक्त की।प्राचार्य  भाष्करानंद पाण्डे ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, शिक्षक-मार्गदर्शकों और आयोजन दल को धन्यवाद ज्ञापित किया

कार्यक्रम में राज्य के 13 जनपदों से कुल 39 प्रतिभागी छात्र/छात्राएँ इस महोत्सव में भाग लेने पहुंचे।
प्रतिभागियों को तीन मुख्य गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया गया –
1. मॉडल प्रदर्शनी
2. भाषण प्रतियोगिता
3. क्विज (Quiz) प्रतियोगिता

मॉडल प्रदर्शनी
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मॉडल प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने सामाजिक विज्ञान के विविध आयामों पर अपने नवीन और रचनात्मक मॉडल प्रस्तुत किए। विषयों में पर्यावरण संतुलन, सतत विकास, पंचायत व्यवस्था, जल संरक्षण, ऐतिहासिक धरोहर, और आर्थिक स्वावलंबन जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
परिणाम इस प्रकार रहे—
• प्रथम स्थान: आसन मुंजाल – राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, नैनीताल
• द्वितीय स्थान: भावना जोशी – राजकीय इंटर कॉलेज, चम्पावत
• तृतीय स्थान: पूर्व लोहिया – राजकीय इंटर कॉलेज, उत्तमसाणी, अल्मोड़ा
निर्णायकों ने विद्यार्थियों की अवधारणात्मक स्पष्टता और प्रस्तुति कौशल की विशेष प्रशंसा की।
भाषण प्रतियोगिता—-
  भाषण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने सामाजिक विषयों जैसे नई शिक्षा नीति 2020 और सामाजिक परिवर्तन, भारतीय लोकतंत्र की मजबूती, पर्यावरण और युवा जिम्मेदारी तथा महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रखरता और आत्मविश्वास के साथ रखे।
परिणाम निम्न रहे—
• प्रथम स्थान: याशिका जोशी – राजीव गांधी अभिनव आदर्श विद्यालय, बेतालघाट (नैनीताल)
• द्वितीय स्थान: सचिन मेहता – राजकीय जूनियर हाई स्कूल, रैथल (बागेश्वर)
• तृतीय स्थान: आरुषि भंडारी – राजकीय जूनियर हाई स्कूल, बनियावाला (देहरादून)
निर्णायकों ने भावनात्मक अभिव्यक्ति, तार्किक प्रस्तुति और वक्तत्व कला के उत्कृष्ट स्तर को सराहा।

क्विज़ प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे—
• प्रथम स्थान: तेजस अधिकारी – अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, बाराकोट (चम्पावत)
• द्वितीय स्थान: नितिन सिंह रावत – राजकीय जूनियर हाई स्कूल, पैडूल (पौड़ी)
• तृतीय स्थान: इशिका कोठियाल – राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, थालकाधार (टिहरी)
प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई और टीम भावना का परिचय दिया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
दो दिवसीय महोत्सव में छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड की लोकसंस्कृति से जुड़ी नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुतियाँ दीं। झोड़ा, छपेली और गढ़वाली लोकगीतों की प्रस्तुतियों ने वातावरण को सांस्कृतिक रंगों से भर दिया। इन प्रदर्शनियों ने दर्शाया कि सामाजिक विज्ञान केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि जीवंत संस्कृति और परंपरा का भी अध्ययन है।
  महोत्सव की एक विशेष आकर्षक गतिविधि रही ‘Star Gazing’ कार्यक्रम, जिसका आयोजन DIET परिसर में संध्या समय हुआ। इस सत्र का मार्गदर्शन भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर भुवन भट्ट और डॉ. राकेश(खगोल शोधकर्ता) द्वारा किया गया।
इन वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों को खगोल विज्ञान के मूल सिद्धांतों, सौरमंडल की संरचना, आकाशगंगाओं की गति एवं खगोलीय घटनाओं जैसे ग्रहण, उल्का वर्षा, और तारामंडल पहचान से अवगत कराया।

कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भौगोलिक विशेषताओं और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रत्यक्ष अध्ययन से जोड़ना था। शिक्षकगणों ने विद्यार्थियों को स्थानीय लोककथाओं, ऐतिहासिक सन्दर्भों तथा पर्वतीय जीवन की सामाजिक संरचना के बारे में मार्गदर्शन दिया। इस अनुभव ने विद्यार्थियों के मन में “भूगोल और संस्कृति” के अंतर्संबंध की ठोस समझ विकसित की।
महोत्सव के दौरान अध्यापकों और  बच्चों के लिए एक “संवाद” सत्र आयोजित किया गया, जिसमें सामाजिक विज्ञान शिक्षण में नवाचार, गतिविधिपरक शिक्षा, और मूल्य आधारित अधिगम पर विचार–विमर्श हुआ।

        द्वितीय दिवस  समापन सत्र में सभी प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरित किए गए। मुख्य अतिथि द्वारा विजेताओं को प्रमाणपत्र, शील्ड एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।
  अपने समापन उद्बोधन में मुख्य अतिथि सहायक निदेशक ने कहा कि सामाजिक विज्ञान महोत्सव विद्यार्थियों में नेतृत्व, अनुसंधान क्षमता और सहयोग की भावना विकसित करता है। उन्होंने इसे राज्य स्तर पर शिक्षा नवाचारों की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।
महोत्सव की विशेष उपलब्धियाँ
• राज्य स्तर पर पहली बार सामाजिक विज्ञान महोत्सव का आयोजन जिसमें राज्य के सभी 13 जिलों के प्रतिभागियों की सक्रिय सहभागिता रही।
• सामाजिक विज्ञान से विज्ञान (Star Gazing) का सार्थक समन्वय।
• शिक्षकों में विषय नवाचार के प्रति नई प्रेरणा।
• सामाजिक विज्ञान शिक्षण की आधुनिक पद्धतियों पर गहन संवाद।
• मॉडल आधारित शिक्षण के प्रति उत्साह का प्रसार।
• विद्यार्थियों के नेतृत्व, संवाद और अनुसंधान कौशल का विकास।
• शिक्षा में स्थानीय संस्कृति, परंपरा और भूगोल का एकीकरण।
• शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से अनुभवात्मक अधिगम का उत्कृष्ट उदाहरण।

सामाजिक विज्ञान विषय की उपयोगिता एवं अन्य विषयों के सापेक्ष उसकी महत्ता तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सामाजिक विज्ञान विषय के उपादेयता एवं महत्व के दृष्टिगत उत्तराखंड राज्य में प्रथम बार सामाजिक विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गया।
इसमें कक्षा अंतर्गत कक्षा 6 से 10 तक के कक्षाओं में पढ़ाई जाने वाले प्रमुख विषय सामाजिक विज्ञान में छात्र-छात्राओं की रुचि उत्पन्न करने तथा भविष्य में उन्नत करियर हेतु आयोजित की जाने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों में सामाजिक विज्ञान विषय से संबंधित विषयों की सहभागिता की दृष्टिगत छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों तथा अन्य गणमान्य नागरिकों को सामाजिक विज्ञान विषय से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने तथा उसकी उपयोगिता एवं उपाय देता उपदेता का जन-जन तक व्यापार प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से नवाचार कार्यक्रम के अंतर्गत सामाजिक विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गयाI इससे पूर्व 2024 में पायलट कार्यक्रम के अंतर्गत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, पौड़ी द्वारा प्रथम बार सामाजिक विज्ञान क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गयाI प्रतियोगिता के सकारात्मक परिणाम के फल स्वरुप सामाजिक विज्ञान विषय के राज्य संदर्भ समूह SRG द्वारा सामाजिक विज्ञान महोत्सव आयोजित करने का सुझाव दियाI जिसके अंतर्गत प्रथम चरण में कक्षा कक्षा 6 से 8 में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को प्रतिभाग करने का अवसर प्रदान करते हुए तीन प्रमुख प्रतियोगिताओं का आयोजन शामिल किया गयाI
1. सामाजिक विज्ञान क्विज प्रतियोगिता
2. द्वितीय सामाजिक विज्ञान विषय पर आधारित भाषण प्रतियोगिता
3. सामाजिक विज्ञान विषय से संबंधित प्रदर्शनी प्रतियोगिता
प्रथम बार आयोजित इस कार्यक्रम से न केवल आम जनमानस में सामाजिक विज्ञान विषय के प्रति सम्मान का भाव उत्पन्न हुआ बल्कि यह भी जन जागृति फैली की सामाजिक विज्ञान विषय के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जा सकती हैI भगवान मलयनाथ के दर्शन करने का शुभ अवसर भी प्राप्त हुआI विभिन्न जनपदों में सामाजिक विज्ञान विषय की जागरूकता हेतु संचालित विविध कार्यक्रमों को जानने वह समझने का अवसर प्राप्त हुआ ।
कार्यक्रम के संपादन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डीडीहाट में अध्यनरत डी.एल.एड. प्रशिक्षु का भी विशेष सहयोग रहा।
प्राचार्य  भाष्करानंद पांडे ने समापन धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी सहयोगियों को धन्यवाद दिया और आश्वस्त किया कि DIET पिथौरागढ़ भविष्य में भी ऐसे सार्थक कार्यक्रमों के आयोजन की परंपरा को जारी रखेगा।
कार्यक्रम के सफल संपादन एवं क्रियान्वयन में गोकर्ण लोहिया, पुष्पेश पाठक, डॉ ममता खोलिया, श्री प्रमोद नौडयाल, श्री राजेंद्र प्रसाद बडोनी, श्री प्रकाश उपाध्याय, डॉ अनिल कुमार मिश्र, श्री अनिल कुमार सिंह, डॉ संतोष कुमार चमोला, श्रीमती ममता रावत, श्रीमती प्रियंका तोमर, श्री सुरेश चंद, बसंती सजवान,  लक्ष्मी चौहान एवं समस्त डाइट परिवार डीडीहॉट ने सहयोग प्रदान किया ।

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