परंपरागत विधिविधान के साथ भगवान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए,डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुई।

उत्तराखंड चार धाम यात्रा

बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद।
उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध प्रमुख तीर्थ भगवान श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर 2:56 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हजारों की संख्या में  श्रद्धालुओं की उपस्थिति में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने परंपरागत रीति से कपाट बंद किए।



कपाट बंद होने से पहले मंदिर को 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया और ‘बेडू पाको बारमासा’ गीत की गूंज के बीच दर्शनों का अंतिम दौर चला।

परंपरा के अनुसार उद्धव और कुबेर की प्रतिमाओं को गर्भगृह से बाहर लाया गया, जबकि देवी लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान किया गया। भगवान बदरी विशाल को माणा महिला मंगल दल द्वारा तैयार घृत कंबल ओढ़ाया गया। जयकारे के भगवान श्री बद्रीनाथ की डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुई।

शीतकालीन प्रवास के दौरान भक्त अब भगवान बदरीनाथ के दर्शन पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान बदरी में कर सकेंगे।

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