हरिद्वार की सबसे पुरानी रामलीला में अशोक वाटिका और लंका दहन के मंचन को देखने उमड़ी भीड़ ।

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जब राम भक्त हनुमान सीता माता की खोज में अशोक वाटिका पहुंचे और उन्होंने सीता माता को श्री राम जी का संदेश दिया तो वे अत्यंत भावुक हो गई और रामलीला देखने आए दर्शक भी भावुक हो गए।
तीर्थ नगरी हरिद्वार की सबसे पुरानी 173 साल से लगातार हो रही कनखल की श्री रामलीला आज भी अपने पूरे यौवन पर है। रामलीला को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है।
आज कनखल की रामलीला में भगवान श्री राम की अर्धांगिनी सीता की खोज में राम भक्त हनुमान अशोक वाटिका पहुंचे और उन्होंने जब अशोक के वृक्ष से राम जी द्वारा सीता जी के लिए भिरजवाई गई अंगूठी गिरायी तो उसे देखकर सीता जी भावुक को गई और उनके आंखों में आंसू छलक आए।
उन्होंने इस अंगूठी को भेजने वाले देवदूत को याद किया तो हनुमान जी अशोक के वृक्ष से नीचे उतरकर सीता माता के सामने आए और उन्हें प्रणाम किया उन्हें देखकर सीता माता भावुक हो गई और हनुमान जी से भगवान श्री राम के बारे में हाल-चाल जाना माता सीता और हनुमान के बीच संवाद से माहौल भावुक को गया
सीता माता की अनुमति लेकर हनुमान जी लंका में फल खाने के लिए फल वाटिका में गए जहां से उन्हें रावण के सिपाही पकड़ कर रावण के दरबार में ले गए रावण को हनुमान जी ने सीता मैया को सम्मान पूर्वक भगवान श्री राम के पास पहुंचने और भगवान राम से क्षमा याचना करने की बात कही। परंतु अहंकारी रावण ने हनुमान जी की एक नहीं सुनी और उनकी पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया। हनुमान जी की पूंछ में जैसे ही आग लगी तो उन्होंने लंका दहन कर दिया जिससे पूरी लंका नगरी घबरा गई। इस तरह कनखल की रामलीला में आज हनुमान जी के शौर्य और सीता हनुमान मिलन का भावुक दृश्य देखने को मिला
इस अवसर पर श्री रामलीला कमेटी कंकाल के संयोजक शैलेंद्र कुमार शर्मा भोंटू भाई ने कहा कि 173 साल का सफर तय करते हुए रामलीला कमेटी कनखल आज एक मुकाम पर खड़ी है और 2 साल बाद श्री रामलीला कमेटी कनखल की 175 वीं जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर पार्षद नितिन माना,प्रमोद चंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।

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