राज्य एवं जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हरिद्वार के संयुका तत्वावधान में 07 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पतंजति गुरुकुलम औरगाबाद में आयोजित ।

आपदा प्रशासन हरिद्वार
Listen to this article

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हरिद्वार के संयुका तत्वावधान में दिनांक 22-28 दिसम्बर 2024 तक 07 दिवसीय आपदा प्रबन्धन खोज-बचाव व प्राथमिक उपचार ,सडक सुरक्षा , अग्नि सुरक्षा विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का पतंजति गुरुकुलम औरगाबाद में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 100 एनसीसी कैडेट्स द्वारा प्रतिभाग किया गया।दिनांक 22:12:2024 को प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कर्नल विनय मल्होत्रा 31 वी बलाटियन एनसीसी तथा सुश्री मीरा रावार, आपदा प्रवन्धन अधिकारी द्वाता दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर, मनोज कण्डिलया आपदा प्रबन्धन हरिद्वार ने प्रतिभागियों को आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 तथा विभिन्न प्रकार की आपदाओं के सम्बन्ध जानकारी तथा उससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। साध ही अग्निशদन विभाग द्वारा प्रतिभागियों को आग के प्रकार और आग से बचाव और आग बुजाने के तरीकों के सम्बद्धांतिक प्रयोगात्मक जानकारी दी गयी।वन विभाग द्वारा बनअग्नि तथा बन में लगने वाली आग से होने वाली क्षति के तथा मानव वन्य जीच संधर्ष के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ए०एफ० टीम द्वारा रासायनिक, बॉयोलॉजिक रेडियोलॉजिकल एवं न्यूकलीयर आपदाओं से बचाव से सम्बंध में जानकारी दी गयी। एस०वी०ए० टीम द्वारा वाया कोज एवं बजार प्राथमिक उपचार के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। सम्भागीय परिवहन अधिकारी श्रीमती रश्मि पंत ने कैडेट्स को सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियमों के पालन व वाहन चलाने हेतु आवश्यक सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी।इसके अतिरिक्त आपदा प्रबन्धन अधिकारी ने बताया कि जनपद हरिद्वार भूकम्प एवं बाढ़ को प्रति संवेदनशील है। उन्होंने प्रतिभागियों को बाढ़ व भूकम्प जैसी आपदाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान कराते हुए किसी आपदा की स्थिति में सूचना तत्काल आपया कांट्रोल के दूरभाष नं० 01334-223095, 7085250000 देने हेतु अनुरोध किया प्रशिक्षण के समापन सत्र में कर्नल विनय मलहोत्रा द्वारा सभी प्रतिभागियों से फीडबैक / सुझाव लिए गये, प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण को उपोगी व महत्तवपूर्ण बताया गया। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समय-समय पर आयोजित किये जाने का सुझाव दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये।

Leave a Reply

Your email address will not be published.