सनातन ज्ञान पीठ शिव मंदिर सेक्टर 1 मे श्री राधा जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष मे चल रही दो दिवसीय श्री राधा रानी जी की जन्म कथा के प्रथम दिवस की कथा मे कथा व्यास महंत श्री प्रदीप गोस्वामी जी महाराज सब सभी श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा की हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. वहीं भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप मे भी मनाया जाता है। राधा जी का जन्म ब्रजभूमि के बरसाना गांव में हुआ था. राधा रानी को श्रीकृष्ण की अनन्य प्रेमिका और भक्ति, प्रेम और समर्पण की प्रतीक माना जाता है ।गुरु जी ने बताया की
भजन-कीर्तन के माध्यम से भक्त लोग राधा जी की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।कथा व्यास जी बताया की राधा का उल्टा होता है धारा, धारा का अर्थ है करंट, यानि जीवन शक्ति। भागवत की जीवन शक्ति राधा है। कृष्ण देह है, तो श्रीराधा आत्मा। कृष्ण शब्द है, तो राधा अर्थ। कृष्ण गीत है, तो राधा संगीत। कृष्ण वंशी है, तो राधा स्वर। भगवान् ने अपनी समस्त संचारी शक्ति राधा में समाहित की है।इस दिन मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं राधा अष्टमी का महत्व भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा के दिव्य प्रेम और भक्ति से जुड़ा है. राधा को ‘भक्ति देवी’ के रूप में पूजा जाता है, और उनका जन्मोत्सव प्रेम, भक्ति, और समर्पण के आदर्श के रूप में मनाया जाता है. भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं, राधा-कृष्ण की पूजा करते हैं, और भजन-कीर्तन के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. यह दिन भक्तों को प्रेम, त्याग, और ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति का संदेश देता है।
कथा के मुख्य यजमान मंदिर सचिव ब्रिजेश शर्मा ओर उनकी पत्नी अलका शर्मा,तेजप्रकाश,दिलीप गुप्ता, आदित्य गहलोत,दिनेश उपाध्याय,अनिल चौहान,विष्णु समाधिया,मान दाता,हरिनारायण त्रिपाठी,सुनील चौहान,पुष्पा गुप्ता,नीलू त्रिपाठी,सबिता,नीरु गौतम,सुनीता चौहान,पूनम,संतोष चौहान,मंजू,रेनू,मनसा मिश्रा,गीता बहुगुणा,विनीता,सरला,अंजू पंत,नीता सिंगल,राजकिशोरी मिश्रा,विभा गौतम,कुसुम गेरा,संगीता मेहतो,विनोद देवी,अनपूर्णा मिश्रा,उमा राणा,विनीता देव,भावना गहलोत,
सोनाली गहलोत,बबिता,विभा गौतम कौशल्या,मिनाक्षी और अनेको श्रोतागण सम्मिलित हुए ।