सनातन ज्ञान पीठ शिव मन्दिर में आज से प्रारंभ हुई श्री शिव महापुराण की कथा के प्रथम दिवसीय सत्र में महंत श्री प्रदीप गोस्वामी द्वारा भगवान शिव के पूजन का महत्व बताते हुए कहा शिव महापुराण साक्षात भगवान शिव का स्वरूप ही है इस लिए पुराण का आश्रय लेकर हमको सदैव भगवान शिव का अनुकरण करना चाहिए और शिव की पूजा ही प्रकृति पुरुष की पूजा है ।
सामाजिक कुरीतियों का उल्लेख करते हुए महाराज श्री ने चंचुला और बिंदुग ब्राह्मण की कथा सुनाते हुए कहा की जो व्यक्ति अपने गृहस्थ धर्म का सही से पालन नहीं करते है और पारिवारिक सामंजस्य नहीं देखते अंततः उनको दुख ही उठाना पड़ता है सद गृहस्थ ही भगवान शिव का अनुयाई हो सकता है इसलिए सांसारिक देख दिखावे को त्यागकर सभी सनातन धर्मियों को अपने पारिवारिक गृहस्थ का अनुपालन करते हुए भगवान शिव की भक्ति करनी चाहिए इसी में कल्याण निहित है।
कथा के यजमान यजमान विनीत तिवारी पत्नि दीप्ती तिवारी पुत्र सानिध्य तिवारी
ब्रिजेश शर्मा,राकेश मालवीय, तेजप्रकाश,अनिल चौहान,मान दाता,हरिनारायण त्रिपाठी,सुनील चौहान,अलका शर्मा,पुष्पा गुप्ता,नीलू त्रिपाठी,सबिता,नीरु गौतम,सुनीता चौहान,पूनम,संतोष चौहान,मंजू,सुमन,रेनू,मनसा मिश्रा,गीता,विनीता,सरला,राजकिशोरी मिश्रा,विभा गौतम,कुसुम गेरा आदि सम्मिलित हुए । प्रति दिन
कथा का समय दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक है।