कल से जारी तेज बारिश से जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित पंचकेदारों में से एक मदमहेश्वर धाम तक जाने हेतु पैदल मार्ग पर बना एक पुल बह गया जो ग्राम गौण्डार के समीप बणतोली नामक जगह पर मार्कण्डेय (मोरकंडा) नदी पर पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल था,
विगत दिवसों से लगातार हो रही बारिश एवं देर रात्रि को हुई तेज बारिश के चलते नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बह गया था। जिससे यात्रा पर गये यात्री व स्थानीय लोग फंस गये थे।
- कई दिन से चल रही बारिश और रात तेज बारिश से मध्यमेश्वर को जाने वाले मार्ग में पुल बह गया जिससे यात्री मार्ग में फंस गए थे,जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, रुद्रप्रयाग नंदन सिंह रजवार ने बताया कि मद्महेश्वर यात्रा रूट पर फंसे 106 यात्रियों को हेली सेवाओं के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि गत देर रात्रि हुई भारी बारिश के कारण मद्महेश्वर मंदिर ट्रैक पर बनतोली गौंडार में मार्कण्डेय (मोरकंडा) नदी पर पैदल पुल बह जाने से सड़क का संपर्क बाधित हो गया था। सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में रुद्रप्रयाग पुलिस,एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा जिला प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी घटनास्थल के लिए रवाना हुए।प्रशासन एवं पुलिस ने तुरन्त हैली रेस्क्यू कार्य प्रारम्भ किया। कठिन परेशानियों का सामना करते हुए पुलिस और रेस्क्यू टीम द्वारा हेली माध्यम से बचाव कार्य प्रारम्भ किया। रेस्क्यू कार्य में मदमहेश्वर धाम की यात्रा पर गये सभी 106 यात्रियों का सफल रेस्क्यू किया गया।
मद्महेश्वर घाटी में फंसे तीर्थ यात्रियों के सफल रेस्क्यू के बाद सभी तीर्थ यात्रियों ने जिलाधिकारी सौरभ गहरवार सहित पूरी रेस्क्यू टीम का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। यात्रियों का कहना था कि सरकार द्वारा यात्रियों के रेस्क्यू के लिए स्थानीय लोगों की मदद से अस्थाई हेलीपैड निर्माण से लेकर फूड पैकेट भी बेहद कम समय में सभी यात्रियों को उपलब्ध कराए गए। यात्रियों ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करने के लिए सराहना करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। रेस्क्यू अभियान में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, लोनिवि एवं जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।